आज 22 जनवरी को अयोध्या में राम प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हो रहा है। जिससे पूरा देश राममय हो गया है। वहीं देश के सभी मंदिरों में भी विशेष पूजा- अर्चना का कार्यक्रम रखा गया है। वहीं इस दिन आप लोग भी घर पर भगवान राम कर सकते हैं। मान्यता है कि श्री राम की पूजा अर्चना करने से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। साथ ही राम जी के साथ हनुमान जी की आराधना से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है आइए जानते हैं हनुमान जी की स्तुति और आरती…
Hanuman Ji Ki Aarti: यहां पढ़े हनुमान जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी
॥ श्री हनुमंत स्तुति ॥
मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,
श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥
श्री हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Ki Aarti, Aarti Kije Hanuman Lala Ki):
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
स्वास्थ्य सुरक्षा मंत्र
नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा
संकट दूर करने का मंत्र
ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा
मनोकामना पूर्ण करने का मंत्र
ॐ महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते. हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये। नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।
