Premanand ji Maharaj Hanuman upay: हिंदू धर्म में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं में इन्हें संकटमोचक और हर भक्त के रक्षक के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि हनुमान जी की उपासना करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन की परेशानियों से मुक्ति मिलती है। लेकिन कई बार लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि आखिर हनुमान जी को प्रसन्न करने का सही तरीका क्या है? इस बीच मथुरा-वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने हाल ही में एक भक्त के इसी सवाल का बेहद सरल और खूबसूरत जवाब दिया है। उनका यह जवाब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। तो चलिए जानते हैं इस बारे में महाराज जी ने क्या कहा है…

हनुमान जी को क्या है सबसे ज्यादा प्रिय?

एक भक्त ने प्रेमानंद जी महाराज से पूछा कि वह हनुमान जी को बहुत मानती हैं, लेकिन समझ नहीं पातीं कि उन्हें प्रसन्न कैसे करें और किस नाम का जाप करें। इस सवाल पर महाराज जी ने कहा कि जब हम किसी से प्रेम करते हैं, तो उसकी पसंद को समझते हैं। उसी तरह यदि हनुमान जी को खुश करना है तो यह जानना जरूरी है कि उन्हें पसंद क्या है। महाराज जी ने बताया कि ‘रामचरित सुनबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया’ — इसका अर्थ है कि हनुमान जी को भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी का चरित्र सुनना बहुत प्रिय है। वे सियाराम के भक्त हैं और रामकथाओं में ही उनका मन बसता है।

रामचरित मानस सुनाना हनुमान जी को कैसे करता है खुश?

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि हनुमान जी जहां-जहां श्रीराम का कीर्तन चलता है, वहां वे भाव-विभोर होकर स्वयं उपस्थित हो जाते हैं। उन्होंने संस्कृत चौपाई ‘यत्र यत्र रघुनाथ कीर्तनं…’ का अर्थ बताते हुए कहा कि जहां भी भगवान राम का कीर्तन होता है, वहां हनुमान जी हाथ जोड़कर, आंखों में आंसू लिए, आदर के साथ उपस्थित होते हैं। यानी यदि आप हनुमान जी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो उन्हें वही सुनाइए जो उन्हें सबसे ज्यादा प्रिय है, सीता-राम का नाम और रामचरित मानस।

सीता-राम का नाम जप

महाराज जी के अनुसार, हनुमान जी को मनाने के लिए कठिन पूजा-पाठ की जरूरत नहीं है। न कठोर नियम चाहिए और न लंबे व्रत। उनकी खुशियों की चाबी सिर्फ एक है – सीता-राम नाम का जप। यदि नियमित रूप से सुबह या शाम कुछ मिनट हनुमान जी के सामने बैठकर ‘सीता-राम, सीता-राम’ का जप किया जाए और मन से रामचरित मानस की चौपाइयां पढ़ी या सुनी जाएं, तो वे बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं।

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