Guru Mahadasha Effect: वैदिक ज्योतिष में नवग्रहों का जिक्र मिलता है। इन ग्रहों की महादशा का असर मनुष्य और देश- दुनिया के ऊपर देखने को मिलता है। वहीं दशा में व्यक्ति को कैसा फल मिलेगा, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि उसकी कुंडली में वह ग्रह किस स्थिति में स्थित है। ऐसे में यहां हम बात करने जा रहे हैं गुरु बृहस्पति की महादशा के बारे में, जिसका प्रभाव 16 साल तक मनुष्य के ऊपर रहता है। अगर कुंडली में गुरु ग्रह शुभ यानी उच्च के स्थित हो तो व्यक्ति लकी होता है। साथ ही इसके असर से व्यक्ति का व्यक्तित्व सुंदर और आकर्षक होता है। साथ ही ऐसे व्यक्ति नास्तिक और शिक्षित होते हैं। इन लोगों की धर्म- कर्म के कामों खूब रूचि होती है। आइए जानते हैं गुरु की महादशा का जीवन में प्रभाव और लाभ…
गुरु ग्रह की महादशा का जीवन में असर
अगर कुंडली में गुरु ग्रह शुभ हो विराजमान
गुरु बृहस्पति अगर जन्मकुंडली में शुभ स्थित हों तो व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में लाभ मिलता है। साथ ही जातक जीवन में खूब पढ़ता- लिखता है। उनकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी रहती है। समाज में उसको वैभव- मान- सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। वह आशावादी और भगवान में आस्था रखने वाला होता है। वह ज्ञानी और ईमानदार होता है।
वहीं जिस व्यक्ति की जन्मकुंडली गुरु ग्रह सकारात्मक स्थित हो तो व्यक्ति को पुत्र सुख प्राप्त होता है। गुरु कुंडली में अच्छा होने से व्यक्ति ज्योतिष, आध्यात्म, कथावाचक और विचारक के क्षेत्र में खूब नाम कमाता है। वहीं अगर किसी व्यक्ति पर गुरु ग्रह की महादशा चल रही हो तो व्यक्ति को इन चीजों से संबंधित फल प्राप्त होते हैं।
अगर कुंडली में गुरु ग्रह अशुभ हो स्थित
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह नकारात्मक विराजमान हो तो व्यक्ति का मन पूजा- पाठ में नहीं लगता है। साथ ही व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं गुरु ग्रह के अशुभ होने से व्यक्ति को पेट से सबंधित रोग, अपच, पेट दर्द, एसिडिटी, कमज़ोर पाचन तंत्र, कैंसर जैसी बीमारी होने का ख़तरा रहता है। साथ ही अगर गुरु ग्रह नकारात्मक हो तो व्यक्ति के विवाह में बाधा आती है। साथ ही संतान होने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।