इस सप्ताह यानी 20 जुलाई से लेकर 25 जुलाई तक आप आसमान में एक खगोलीय अद्भुत घटना को देख पाएंगे। इस अंतराल में सौरमंडल के 5 ग्रह बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि आपको आसमान में चमकते हुए दिखाई देंगे। खास बात ये है कि इस नजारे को देखने के लिए दूरबीन की जरूरत नहीं पड़ेगी। विशेषज्ञों के मुताबिक ये घटना दो वर्ष बाद दिखने जा रही है। इसके बाद इस दृश्य को देखने के लिए आपको दो वर्षों का इंतजार करना पड़ेगा।
खगोलशास्त्री जेफ्री हंट की मानें तो इस दौरान मंगल ग्रह दक्षिण में चमकता दिखाई देगा। वहीं नासा के मुताबिक आकाश में सबसे ऊंचा चमकता तारा मंगल ही होगा। जबकि, शुक्र ग्रह उत्तर पूर्व में, वहीं बृहस्पति और शनि ग्रह दक्षिण पश्चिम दिशा में दिखाई देंगे। सौरमंडल के बाकी ग्रह यूरेनस, नेप्चून और प्लूटो खुली आंख से नहीं दिखाई देंगे। इसके लिए दूरबीन का इस्तेमाल करना होगा।
आपको बता दें कि सूर्योदय के तकरीबन 45 मिनट पहले आपको ये दृश्य देखने को मिलेगा। जिस दौरान बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि को एक साथ देख पाएंगे। जब आप इन ग्रहों को देखेंगे तो ये आपको असाधारण रूप से चमकते हुए तारों की तरह दिखाई देंगे। हालांकि बुध को देखना थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये चंद्रमा के दक्षिण में कुछ डिग्री के अंतराल में दिखेगा।
जानकारों का कहना है कि रविवार से लेकर एक हफ्ते यानी 25 जुलाई तक रोजाना सूर्योदय के पहले आप इस खगोलीय नजारे को देख सकते हैं। उसके बाद ये खगोलीय घटना आपको 2022 में देखने को मिलेगी।
कब लगेगा ग्रहण? साल 2020 के 4 ग्रहण लग चुके हैं। अब पांचवा ग्रहण जो कि चंद्रग्रहण होगा जो 30 नवंबर को लगने जा रहा है। यह ग्रहण दोपहर में 01 बजकर 02 मिनट से शुरू होगा और शाम 05 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। इस ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 21 मिनट है। इसे भारत, अमेरिका, प्रशांत महासागर, एशिया और आस्ट्रेलिया में देखा जाएगा। साल 2020 का छठवां और अंतिम ग्रहण सूर्य ग्रहण होगा। यह ग्रहण 14 दिसंबर 2020 को लगेगा। इसकी शुरुआत शाम 07 बजकर 03 मिनट से होगी और समाप्ति 15 दिसंबर को 12 बजकर 22 मिनट पर। इस ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 19 मिनट है। हालांकि यह सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। इसे प्रशांत महासागर, दक्षिण अमेरिका और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा।