Saptahik Vrat Tyohar 6 To 12 November 2023: नवंबर माह का दूसरा सप्ताह शुरू हो चुका है। यह सप्ताह 6 से 12 नवंबर 2023 तक चलेगा। हिंदू धर्म के अनुसार ये सप्ताह काफी खास है, क्योंकि इस सप्ताह धनतेरस से लेकर दिवाली तक का पर्व मनाया जा रहा है। इन त्योहारों में मां लक्ष्मी के साथ भगवान धन्वंतरि और कुबेर भगवान की विधिवत पूजा करने का विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि से इस सप्ताह की शुरुआत हो गई है और समाप्ति कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के साथ होगी। जानें इस सप्ताह पड़ने वाले सभी व्रत-त्योहारों के बारे में।

9 नवंबर 2023, गुरुवार- रमा एकादशी

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने के साथ व्रत रखने से व्यक्ति को हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती हैं और मृत्यु के पश्चात बैकुंठ की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि 8 नवंबर को सुबह 8 बजकर 23 मिनट पर होगा, 9 नवंबर को सुबह 10 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी। इसी के साथ व्रत का पारण 10 नवंबर को सुबह 6 बजकर 39 मिनट से लेकर 8 बजकर 50 मिनट के बीच करना शुभ रहने वाला है।

10 नवंबर 2023, शुक्रवार- धनतेरस, प्रदोष व्रत

हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इसे धन त्रयोदशी तिथि के नाम से भी जानते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन समुद्र मंथन के दौरान अमृत का कलश लेकर भगवान धनवंतरी निकले थे। इसी के कारण इस दिन भगवान धनवंतरी की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस दिन सोना-चांदी की खरीदारी करना भी काफी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस साल धनतेरस पर काफी शुभ योग बन रहे हैं हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल धनतेरस पर शुक्ल, ब्रह्म, इंद्र, स्थिर, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, दामिनी, उभयचरी, वरिष्ठ, सरल, शुभ कर्तरी गजकेसरी और सर्वार्थसिद्धि योग आदि बन रहे हैं। इस शुभ योग में खरीदारी के साथ शुभ कामों को करने से सफलता हासिल हो सकती है।

प्रदोष व्रत नवंबर 2023

हर मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। ऐसे ही कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। शुक्रवार के दिन पड़ने के कारण इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

11 नवंबर 2023, शुक्रवार- नरक चतुर्दशी, मासिक शिवरात्रि

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इसे रूप चौदस, छोटी दिवाली, नरक निवारण चतुर्दशी और काली चौदस जैसे नामों से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन शाम को यम के नाम का दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है। इस बार चतुर्दशी तिथि दो दिन होने के कारण यम के नीम का दीपक 11 नवंबर और अभ्यंग स्नान 12 नवंबर 2023 को किया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार अभ्यंग स्नान का समय 12 नवंबर 2023 को सुबह 05 बजकर 28 मिनट से 06 बजकर 41 मिनट तक है।

मासिक शिवरात्रि

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जा रहा है। इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की विधिवत पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही हर तरह के दुख दर्द से छुटकारा मिल जाता है।

12 नवंबर 2023, रविवार- दिवाली, दीपावली, नरक चतुर्दशी

हिंदू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन भगवान राम, माता सीता और भगवान लक्ष्मण 14 साल का वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटे थे। इसी के कारण ने आने की खुशी में अयोध्या में घी के दिए जलाए गए थे। इसी के कारण हर साल दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश, मां सरस्वती और माता लक्ष्मी की पूजा का भी विशेष महत्व है। 12 नवंबर को अमावस्या तिथि का आरंभ 12 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से प्रारंभ होगी और 13 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी।