आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को दशहरा यानी विजयादशमी पर्व मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 8 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस पर्व से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं। जिनमें सबसे लोकप्रिय कथा है भगवान राम द्वारा इस दिन रावण का वध किया जाना। जिस कारण इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। कहा ये भी जाता है कि इस दिन मां दुर्गा को राक्षस महिषासुर का वध कर विजय प्राप्त हुई थी। लेकिन खास तौर पर इस पर्व पर कई जगह मेलों का आयोजन किया जाता है और रावण दहन करने की परंपरा रही है। जानिए रावण दहन का शुभ मुहूर्त और दशहरा की पूजा विधि…

दशहरा (विजयदशमी) की तिथि और शुभ मुहूर्त:
विजयदशमी मंगलवार, अक्टूबर 8, 2019 को
विजय मुहूर्त – 01:42 पी एम से 02:28 पी एम
अवधि – 00 घण्टे 47 मिनट्स
बंगाल विजयदशमी मंगलवार, अक्टूबर 8, 2019 को
अपराह्न पूजा का समय – 12:55 पी एम से 03:15 पी एम
अवधि – 02 घण्टे 20 मिनट्स
दशमी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 07, 2019 को 12:38 पी एम बजे से
दशमी तिथि समाप्त – अक्टूबर 08, 2019 को 02:50 पी एम बजे तक
श्रवण नक्षत्र प्रारम्भ – अक्टूबर 07, 2019 को 05:26 पी एम बजे से
श्रवण नक्षत्र समाप्त – अक्टूबर 08, 2019 को 08:13 पी एम बजे तक

दशहरे की पूजन विधि: इस दिन राजा दशरथ के चारों पुत्र श्री राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न की पूजा की जाती है। दशहरे के दिन प्रातः काल उठते ही स्नान आदि कर गाय के गोबर से गोल बर्तन जैसे चार पिंड बनाने चाहिए। ये पिंड श्री राम और उनके भाइयों के प्रतीक माने जाते हैं। इन बर्तनों में भीगे हुए धान और चांदी रखकर उन्हें किसी साफ कपड़े से ढक देना चाहिए। और इनकी पूजा में गंध, पुष्प, फल, द्रव्य, चंदन आदि का प्रयोग करें। पूजन करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं और बाद में स्वयं परिवार सहित भोजन ग्रहण करें। इस विधि से दशहरा पूजन करने से पूरे साल आप के जीवन में खुशियां और सुख समृद्धि बनी रहेगी।