आश्विन मास की दशमी तिथि (Vijya Dashmi) को दशहरा यानी विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। इस दिन की रौनक पूरे देश में देखने को मिलती है। दशमी तिथि यानी दशहरे के दिन दुर्गा मां की प्रतिमाओं का विसर्जन भी किया जाता है। कई जगह विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजन (shastra pujan) करने की भी परंपरा है। जानिए बुराई पर अच्छाई की जीत का ये पर्व कैसे मनाया जाता है, क्या है इसकी पूजा विधि…
दशहरा की पूजा विधि: (Vijyadashmi Puja Vidhi, shastra Pujan)
– इस दिन सुबह अपने दैनिक कार्यों से निवृत होकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
– इसके बाद गाय के गोबर से दस गोले जिसे कण्डे कहा जाता है बना लें।
– इन कण्डो पर दही लगाएं।
– अब नवरात्रि में उगाए गए जौ को इन कण्डों के ऊपर रख दें।
– अब धूप दीप जलाकर रावण की पूजा करें।
– कई जगहों पर लड़कों के सिर तथा कान पर जौ रखने का रिवाज है।
शस्त्र पूजन विधि: इस दिन कई जगह शस्त्र पूजन करने की भी परंपरा रही है। इसके लिए जितने भी शस्त्र हैं उन पर गंगाजल छिड़कें। शस्त्रों को पवित्र करने के बाद उन पर हल्दी या कुमकुम का टीका लगाएं। फल-फूल चढ़ाएं। शस्त्र पूजा में शमी के पत्ते चढ़ाना जरूरी होता है। इस दिन कई लोग शमी के पेड़ की पूजा भी करते हैं।
इस दिन सुबह अपने दैनिक कार्यों से निवृत होकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद गाय के गोबर से दस गोले जिसे कण्डे कहा जाता है बना लें। इन कण्डो पर दही लगाएं। अब नवरात्रि में उगाए गए जौ को इन कण्डों के ऊपर रख दें। अब धूप दीप जलाकर रावण की पूजा करें। कई जगहों पर लड़कों के सिर तथा कान पर जौ रखने का रिवाज है।
दशहरा यानि विजयादशमी पर शस्त्र, पूजन, आयुध पूजन, अपराजिता पूजन, शमी पूजा और अन्य कई कामों को सफल बनाने के लिए विजय मुहूर्त का खास महत्त्व माना गया है। इस बाद विजय मुहूर्त का समय- दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।
अश्विन माह की दशमी को तारा उदय होने से सर्व कार्य सिद्धि दायक योग बनता है। लिहाज़ा स्वयं की दसों इंद्रियों पर विजय के लिए यह काल सर्वश्रेष्ठ है।
विजयदशमी/दशहरा - मंगलवार, अक्टूबर 8, 2019 को
विजय मुहूर्त - 01:42 पी एम से 02:28 पी एम
अवधि - 00 घण्टे 47 मिनट्स
अपराह्न पूजा का समय - 12:55 पी एम से 03:15 पी एम
अवधि - 02 घण्टे 20 मिनट्स
दशमी तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 07, 2019 को 12:38 पी एम बजे
दशमी तिथि समाप्त - अक्टूबर 08, 2019 को 02:50 पी एम बजे
श्रवण नक्षत्र प्रारम्भ - अक्टूबर 07, 2019 को 05:26 पी एम बजे
श्रवण नक्षत्र समाप्त - अक्टूबर 08, 2019 को 08:13 पी एम बजे
यह दिन साल के सबसे पवित्र और शुभ दिनों में से एक माना जाता है। साल में कुल तीन मुहूर्त सबसे ज्यादा शुभ माने गये हैं - चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, आश्विन शुक्ल दशमी, वैशाख शुक्ल तृतीया। ये तीनों ही दिन किसी भी काम की शुरुआत करने के लिए सबसे शुभ माने जाते हैं। इसलिए कई लोग अपने नए काम की शुरुआत दशहरे के दिन से करते हैं। क्षत्रिय समाज इस दिन अपने शस्त्रों की पूजा करता है जिसे आयुध पूजा कहते हैं। ब्राह्मण समाज इस दिन देवी सरस्वती की पूजा करते हैं। नवरात्रि से शुरू हुई रामलीला का समापन इस दिन रावण और उसके भाईयों के पुतलों को जलाकर किया जाता है। इस तरह से इस दिन भगवान राम की जीत का जश्न मनाया जाता है।