Ganesh Visarjan (Ganpati Visarjan) 2019: महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके स्थित लातूर में पानी की कमी की वजह से इस साल 10,000 से अधिक गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं होगा। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि हर साल लातूर में जिन छह स्थानों पर सार्वजनिक पंडालों और घरों में प्रतिष्ठापित गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन होता था, वहां अब एक बूंद भी पानी नहीं है। लातूर के जिलाधिकारी जी. श्रीकांत ने भाषा को बताया कि प्रतिमा विसर्जन न करने का फैसला जन जागरूकता की वजह से लिया गया और इसे अंतिम रूप शहर के गणेश मंडलों की बैठक के बाद दिया गया।

प्रतिमाओं को मंदिरों में रखा जाएगाः मामले में जिलाधिकारी श्रीकांत ने कहा, ‘यह फैसला केवल पानी की कमी की वजह से नहीं लिया गया। बड़े मंडल एक ही प्रतिमा को तीन से चार साल तक दोबारा स्थापित कर रहे हैं। यह मंडलों का सामूहिक निर्णय है।’ वहीं नगर निगम द्वारा इन प्रतिमाओं को मंदिरों में रखने की व्यवस्था की है। बता दें लातूर महाराष्ट्र का वह इलाका है जहां पानी की किल्लत सालों से चली आ रही है। देश के अन्य राज्य जहां आजकल भारी बारिश के चपेट में हैं, वहीं लातूर पानी के लिए तरस रहा है।

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लोगों से सीएम फडणवीस की तरह घर में प्रतिमा रखने को कहा गयाः लाजूर में पानी की बड़ी किल्लत को देखते हुए जिलाधिकारी ने कहा, ‘अगर प्रतिमाओं को दोबारा स्थापित या इनका पुनर्चक्रण किया जाता है तो यह जल संकट का सामना करने का सबसे बेहतर उपाय होगा।’ उन्होंने कहा, ‘हमने लोगों से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तरह गणेश प्रतिमाओं को घर में विर्सिजत करने को कहा है। मैं भी घर पर ही गणेश प्रतिमा का विसर्जन करूंगा।’

यह पहला मौका है जब गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं होगाः लातूर के एक स्थानीय इतिहासकार ने जिलाधिकारी द्वारा लिए गए फैसले पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि मुंबई से करीब 500 किलोमीटर दूर स्थित शहर में एक सदी से अधिक समय में यह पहला मौका है। जब गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं किया जाएगा। ऐसे में लोगों द्वारा इस फैसले का मिली जुली प्रतिक्रिया रही।