Budh Pradosh 2023 Upay: हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। ज्येष्ठ मास का पहला प्रदोष व्रत बुधवार के दिन पड़ रहा है। इसलिए इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा। यह प्रदोष व्रत काफी खास है, क्योंकि यह भाद्रा के साथ-साथ मृत्यु पंचक के दौरान पड़ रही है ऐसे में प्रदोष काल के दौरान भगवान शिव की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी। इसके साथ-साथ इन ज्योतिषीय उपायों अपना सकते हैं।

प्रदोष व्रत 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त

ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि आरंभ- 16 मई की रात 11 बजकर 36 मिनट से शुरू
ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि समाप्त- 17 मई की रात 10 बजकर 28 मिनट तक
तिथि- उदया तिथि के हिसाब से 17 मई को बुध प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त- 17 मई को शाम में 7 बजकर 6 मिनट से रात के 9 बजकर 10 मिनट तक
आयुष्मान योग- 16 मई को रात 11 बजकर 15 मिनट से 17 मई को शाम 9 बजकर 17 मिनट तक

बुध प्रदोष व्रत पर करें ये उपाय

बिजनेस में लाभ के लिए

अगर आप चाहते हैं कि आपके बिजनेस में लगातार मुनाफा हो और हर चीज में सफलता हासिल हो, तो इसके लिए प्रदोष व्रत के दिन शिव मंदिर के बाहर 5 रंगों से रंगोली बनाएं और इसके बीच में घी का दीपक जलाएं। इसके साथ ही शिव जी की आराधना करते हुए अपनी कामना कह दें।

सुख-समृद्धि के लिए

घर में सुख-शांति के साथ समृद्धि चाहते हैं, तो प्रदोष व्रत के दिन दूध और चावल का दान करना चाहिए। ऐसा करने से शिव जी अति प्रसन्न होते हैं।

पैसों की तंगी से छुटकारा पाने के लिए

लगातार आर्थिक स्थिति कमजोर होती जा रही है, तो प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ बेलपत्र अर्पित करें। इससे लाभ मिलेगा।

सुखी दांपत्य जीवन के लिए

प्रदोष व्रत के दिन मौली या कलावा लेकर माता पार्वती और शिव जी के चारों ओर सात बार लपेट दें। इसके बाद हाथ से धागा तोड़ दें। ऐसा करने से दांपत्य जीवन में हमेशा खुशियां बनी रहेगी।