वैदिक पंचांग के अनुसार 29 अक्टूबर यानी कि आज धनतेरस का पर्व है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन देवी की पूजा करने के बाद आरती भी जरूर पढ़नी चाहिए। कहा जाता है कि किसी भी देवी-देवता की पूजा बिना आरती के अधूरी मानी जाती है। ऐसे में इस दिवाली अगर आप चाहते हैं कि आप पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहे तो इस दिन पूजा के बाद आरती जरूर पढ़ें। इससे धन की देवी की कृपा से जातकों को धन-वैभव की प्राप्ति हो सकती है। यहां पढ़ें पूरी आरती।

Laxmi Ji Ki Aarti: यहां पढ़े लक्ष्मी जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी

लक्ष्मी माता की पूरी आरती (Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi)

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता, मैय्या तुम ही जग माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता, मैय्या सुख संपत्ति पाता।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता, मैय्या तुम ही शुभ दाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता, मैय्या सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता, मैय्या वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता, मैय्या क्षीरगदधि की जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता, मैय्या जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

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