हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कृष्ण त्रयोदशी के दिन ही समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरी अपने हाथों में कमल लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए धनतेरस के दिन सोने-चांदी के गहने, बरतन, वाहन और प्रॉपर्टी आदि खरीदने की परंपरा है। बता दें कि धनतेरस का त्योहार दिवाली से 2 दिन पहले मनाया जाता है।
इस दिन बड़े पैमाने पर भारत में लोग सोना खरीदते हैं। इस साल 2 नवंबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरी की पूजा करने से घर हमेशा धन और सुख-समृद्धि से भरा रहता है। इस दिन भगवान धन्वंतरी की पूजा करने से घर का भंडार हमेशा भरा रहता है। धनतेरस के दिन सोना और चांदी खरीदने का विशेष शुभ मुहूर्त होता है। इस मुहूर्त में सोना और चांदी खरीदना बेहद ही शुभ माना जाता है।
सोना-चांदी खरीदने का शुभ मुहूर्त: 2 नवंबर को धनतेरस के मौके पर सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त शाम 7:10 बजे से लेकर 8:44 तक रहेगा। वहीं आप चाहें तो सुबह 11 बजकर 31 मिनट से 3 नवंबर को सुबह 9 बजकर 2 मिनट तक कभी भी खरीददारी कर सकते हैं। धनतेरस के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त प्रदोष काल शाम 05:35 से 08:14 तक तथा वृषभ काल शाम 06:18 से 08:14 तक रहेगा।
धनतेरस के दिन क्यों खरीदा जाता है सोना: पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा हिम के बेटे को श्राप मिला था कि उसकी शादी के चौथे दिन बाद ही उसका देहांत हो जाएगा। जब इस बात की जानकारी राजकुमार की पत्नी को मिली तो उसने शादी के चौथे दिन अपने पति से रात जगे रहने को कहा। इसके उपरांत रानी ने घर के दरवाजे पर सोने-चांदी और बाकी बहुमूल्य वस्तुओं को रख दिया। साथ ही अगल-बगल दीये भी जलाए।
राजकुमार सो न जाएं, इसलिए वो उन्हें गीत व कथाएं सुना रही थीं। कुछ समय बाद सांप का रूप धारण करके यमराज राजकुमार की जान लेने आए। मगर गहनों और दीपकों की चकाचौंध के कारण वो अंधे हो गए। इस कारण वो घर में घुस ही नहीं सके। इसी कारण धनतेरस के दिन सोना खरीदने की परंपरा है।