बिहार की जेलों में भी छठ के गीत गूंज रहे हैं। लोक आस्था के इस महापर्व को कैदी भी बड़े भक्तिपूर्ण तरीके से जेल में मना रहे हैं। मुस्लिम महिला बंदी भी व्रत रख रही हैं। खरना के व्रत से लेकर अस्ताचल सूर्योपासना और सूर्योदय के अर्घ्य तक इनका उपवास जारी रहेगा। यह कठिन मगर अटूट आस्था है। यूं बिहार की विभिन्न जेलों में कुल 838 कैदी छठ मइया का व्रत कर रहे है। जिनमें 476 पुरुष और 362 महिला बंदी है।

भागलपुर केंद्रीय कारावास के अधीक्षक यूसुफ रिजवान के मुताबिक चार मुस्लिम महिला समेत 56 महिला और 35 पुरुष कैदी छठ का व्रत रख रहे हैं। इन्हें जरूरत के मुताबिक व्रत व पूजा सामग्री और नए वस्त्र मुहैया कराया गया है। साथ ही अर्घ्य देने के वास्ते जेल में बने तालाब की सफाई कराई गई है। छठ व्रतियों को गैस चूल्हे की जगह लकड़ी के चूल्हे उपलब्ध कराए गए हैं ताकि इनकी आस्था को किसी तरह की ठेस न पहुंचे।

वहीं, पटना के आदर्श केंद्रीय कारावास, बेउर में 20 महिला और 18 पुरुष कैदी छठ व्रत कर रहे हैं। और सभी पूरी भक्तिभाव से यह चार दिवसीय अनुष्ठान व्रत कर रहे है। जेल प्रशासन इन्हें पूरा सहयोग कर रहे है। यह जानकारी वहां के जेल अधीक्षक रामानुज राम ने दी है। गया केंद्रीय जेल के अधीक्षक ने बताया कि दस महिला और एक पुरुष कैदी छठ पूजा व व्रत नियमपूर्वक कर रहे हैं। इसी तरह, पूर्णिया केंद्रीय कारा के अधीक्षक बताते हैं कि 19 महिला और 21 पुरुष बंदी छठ पूजा बड़ी पवित्रता से कर रहे हैं। वैशाली जिले के हाजीपुर मंडल जेल में 12 महिला और 14 पुरुष बंदी छठ पूजा कर रहे हैं। इसके अलावा, मुजफ्फरपुर की खुदीराम बोस केंद्रीय कारागार में 220 हाजती व सजायाफ्ता कैदी छठ व्रत कर रहे हैं।

गोपालगंज के चनावे जेल में 26 महिला बंदी और 8 पुरुष लोकआस्था का पर्व छठ का व्रत रख कर रहे है। बेतिया की जेल में 16 पुरुष और 14 महिला बंदी तो झंझारपुर उपकारा में 13 कैदी पूरे विधि विधान से व्रत रख छठ मइया की उपासना कर रहे है। मधुबनी विशेष केंद्रीय कारा में दो दर्जन से ज्यादा छठ का व्रत कर रहे है। जेल में बंद कैदी जो किसी अपराध या गुनाह की वजह से बंद है वे महापर्व कर सद्बुद्धि आने की कामना कर रहे है। वहीं कुछ कैदी छठी मइया से बेकसूर साबित होने का आशीष मांग रहे है।

इस दौरान, गंगा घाट व इस ओर जाने वाली सड़कों की सफाई प्रशासन और स्वयंसेवी संगठन मिलकर कर रहे हैं। सड़कों को बिजली-बत्ती से दुलहन की तरह सजाया गया है। चारों ओर छठ गीतों की धूम मची है। शनिवार को खरना हो चुका है। शाम को प्रसाद और जल ग्रहण करने के बाद से व्रतियों का निर्जल उपवास 36 घंटे तक रहेगा। यह अटूट आस्था की मिसाल है।

उपवास के दौरान छठ व्रती बिस्तर पर नहीं सोते और दांत की सफाई के लिए ब्रश-पेस्ट का इस्तेमाल नहीं करते। वे इसके लिए नीम या बबूल के दतवन से करते है। सामथ्यर्वान लोग प्रसाद के वास्ते अनाज, फल, सूप, साड़ी-कपड़े जैसी पूजन सामग्री का वितरण भी खुले दिल से करते है। कई संस्थाएं भी इसमें अपनी अग्रणी भूमिका निभाती हैं। इस तरह छठ पर्व को बड़े उल्लास व धूमधाम से मनाने का सिलसिला जारी है।

इधर भागलपुर में एसडीओ धनंजय कुमार ने दफा 144 लागू कर दी है। इस दौरान निजी नावों के परिचालन पर रोक के साथ घाटों पर पटाखे बजाने की सख्त पाबंदी लगाई है। डीएम सुब्रत कुमार सेन और एसएसपी बाबू राम ने घाटों का मुआयना कर बैरिकेटिंग करने को कहा है। ताकि छठ व्रती खतरे वाली जगहों पर न जा सके। पुलिस भी तैनात की गई है। चारों ओर भक्तिमय माहौल है।