आचार्य चाणक्य ने राजनीति ही नहीं बल्कि मनुष्य जीवन से जुड़ी भी बहुत सी ऐसी बातें बताई हैं जो किसी भी व्यक्ति के लिए सहायक साबित हो सकती है। आचार्य चाणक्य जो चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे। इन्होंने नंदवंश का नाश करके चंद्रगुप्त मौर्य को राजा बनाया। ये उनकी नीतियां ही थी जिसके कारण चंद्रगुप्त मौर्य को सफलता हासिल हो पाई। इसलिए चाणक्य की नीतियों का आज के समय भी काफी महत्व देखा जाता है। यहां जानिए उनकी कुछ प्रचलित नीतियां जिनका हर मनुष्य को अपने जीवन में अनुसरण करना चाहिए…
ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखें
कहते हैं अगर कोई इंसान पैसे को व्यर्थ में खर्च कर रहा है तो उसे पैसे के महत्व के बारे में नहीं पता है। ऐसे व्यक्ति स्वभाव से झगड़ालू होते हैं और स्त्रियों को परेशान करने वाले होते है। ऐसे लोगों का कब नाश हो जाता है इसका अंदाजा भी वह नहीं लगा पाते हैं। ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
ऐसे लोगों की नहीं होती हार
चाणक्य अपनी एक नीति में कहते हैं जो मनुष्य लेन-देन, भोजन, धन-धान्य और व्यवहार से निर्लज रहता है, वहीं इंसान अपने जीवन में आगे बढ़ता है। उसे कोई भी व्यक्ति हरा नहीं सकता है। ऐसे लोग अपने कार्यों को अपने मन से करते हैं।
ऐसे गुण मनुष्य में खुद होते हैं उत्पन्न
मनुष्य के अंदर कुछ गुण स्वंय से उत्पन्न होते हैं जैसे दान करना, मीठी बातें करना, लोगों की सेवा करना, समय पर सही-गलत का निर्णय लेना। इन्हें कहीं और से नहीं सिखा जा सकता।
ऐसे लोग होते हैं धरती पर बोझ
चाणक्य कहते हैं जिस मनुष्य के अंदर अगर ज्ञान, गुण और शील न हो वह मनुष्य पृथ्वी पर बोझ के समान है। उसे इस धरती पर जीने का कोई हक नहीं है। ऐसा लोग धरती पर सिर्फ एक बोझ के रूप में जिंदा है।
ऐसे लोग का मन में हमेशा रहता है पाप
चाणक्य अनुसार जिसके मन में पाप का वास हो गया है वह बाहर से अपने मन को साफ दिखाने की चाहे कितनी ही कोशिश क्यों ना कर लें लेकिन इससे उनका मन नहीं बदल जाता। जैसे बर्तन में रखी शराब आग में झुलसने के बाद भी पवित्र नहीं होती है। वैसे ही पापी लोगों का मन कभी पाप मुक्त नहीं हो पाता है।