Chandra Grahan September 2024 in India Date and Time Updates: साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण समाप्त हो चुका है। ये चंद्र ग्रहण भारत में नजर नहीं आया। लेकिन दुनियाभर से इस खगोलीय घटना की तस्वीरें सामने आ रही है। बता दें कि साल का दूसरा चंद्र ग्रहण सुबह 06 बजकर 12 मिनट से आरंभ हुआ था, जो सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर समाप्त हो गया है। ये इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस चंद्र ग्रहण का असर देश-दुनिया में काफी अधिक पड़ने वाला है। इसके साथ ही अब अगला चंद्र ग्रहण साल 2025 में पड़ेगा। इसके अलावा इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगने वाला है। आइए देखते हैं देश-दुनिया में किस तरह दिखेगा अंतिम चंद्र ग्रहण…
भारत में चंद्र ग्रहण नहीं लग रहा है। ऐसे में सूतक काल मान्य होगा। लेकिन फिर भी कई लोग चंद्र ग्रहण के साथ सूतक काल को मान रहे हैं। अगर आप भी सूतक काल मान रहे हैं, तो जानें आपके शहर में कब आरंभ होगा सूतक काल
नई दिल्ली – 17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
नोएडा-17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
गाजियाबाद-17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
कानपुर-17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
लखनऊ-17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
पटना- 17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
मुंबई – 17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
वाराणसी-17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
अलीगढ़-17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
गुरुग्राम-17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
गोरखपुर-17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
बरेली- 17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
हैदराबाद- 17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
इंदौर -17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
जम्मू-17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
हैदराबाद -17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
कोलकाता-17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
जयपुर- 17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
पुणे- 17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
चंद्र ग्रहण को ज्योतिष में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में चंद्र ग्रहण के समय कुछ नियमों का पालन करना जरूरी माना जाता है। मान्यता है कि इस अवधि में नकारात्मक ऊर्जा अधिक फैली होती है। ऐसे में जप-तप करने के साथ-साथ इन नियमों का जरूर पालन करना चाहिए।
बता दें कि साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण यूरोप, अफ्रीका, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका की कुछ जगहों पर भी नजर आएगा।
सूर्य और चंद्र ग्रहण लगने से पहले सूतक काल लग जाता है। इस दौरान किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ कामों को करने की मनाही होती है। चंद्र ग्रहण की बात करें, तो 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है, जो ग्रहण समाप्त होने के साथ खत्म होता है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। बता दें कि भारत में चंद्र ग्रहण सुबह के समय हो रहा है। इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा।
चंद्र ग्रहण का टाइम 2024- सुबह 06:12 से सुबह 10:17 तक
उपच्छाया से पहला स्पर्श- सुबह 06:12
प्रच्छाया से पहला स्पर्श- सुबह 07:44
परमग्रास चन्द्र ग्रहण- सुबह 08:14
प्रच्छाया से अंतिम स्पर्श- सुबह 08:44
उपच्छाया से अंतिम स्पर्श- सुबह 10:17
खण्डग्रास की अवधि- 59 मिनट
उपच्छाया की अवधि- 04 घंटे 04 मिनट 27 सेकंड
साल का यह दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को लगने वाला है। यह चंद्र ग्रहण एक उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। भारतीय समय के अनुसार इस चंद्र ग्रहण की शुरुआत 18 सितंबर को सुबह 6 बजकर 12 मिनट से होगी और समापन सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर होगा। इस चंद्र ग्रहण की कुल अवधि लगभग 4 घंटे 4 मिनट होगी। बता दें कि उपछाया चंद्र सुबह 06 बजकर 12 मिनट से आरंभ हो जाएगी। फिर आंशिक ग्रहण सुबह 7 बजकर 44 मिनट से होगा और ग्रहण उच्च स्तर पर सुबह 8 बजकर 14 मिनट पर होगा।
चंद्र ग्रहण के दौरान जप-तप और ध्यान करना अच्छा माना जाता है। इससे आपकी भावनाएं और अवचेतन मन शांत होता है।
ग्रहण के दौरान भगवान विष्णु के साथ अन्य देवी-देवताओं के मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा के बीज मंत्र “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः” का जाप करना चाहिए।
चंद्र ग्रहण के दौरान मन ही मन अपने समर्थ के अनुसार दान करने का संकल्प लें। इसके बाद ग्रहण समाप्त होने के बाद उसका दान करें।
अगर आप बहुत अधिक आपदाओं में फंसे रहते हैं, तो ग्रहण के समय हनुमान जी के मंत्रों का जाप करें।
चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ मंत्रों का जाप करने से सुख-संपदा की प्राप्ति होती है।
1- तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।
हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥१॥
2- विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत।
दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥२॥
चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा मीन राशि में विराजमान रहेंगे। जहां पर राहु ग्रह भी विराजमान है। ऐसे में कुछ राशि के जातकों को लाभ मिलेगा, तो कुछ राशि के जातकों को संभलकर रहने की जरूरत है। ऐसे में चंद्र ग्रहण का नकारात्मक असर कन्या, धनु, सिंह और सिंह राशि के जातकों के जीवन पर पड़ सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण के समय कई ग्रहों की स्थिति में बदलाव हो रहा है। चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा मीन राशि में विराजमान रहेंगे। जहां पर राहु ग्रह भी विराजमान है। ऐसे में राहु और चंद्रमा की युति से बनने ग्रहण योग कई राशि के जातकों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में मेष, वृश्चिक, कुंभ और वृषभ राशि के जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है।
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को ध्यान देने की जरूरत होती है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को सुई, चाकू जैसी नुकीली चीजों से दूर रहना चाहिए। इससे मां के साथ-साथ होने वाले बच्चे पर बुरा असर पड़ेगा।
नई दिल्ली- 17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
नोएडा- 17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
मुंबई- 17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
बेंगलुरु- 17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
चेन्नई-17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
कोलकाता- 17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
स्पेसडॉटकॉम के अनुसार, साल का आखिरी और दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में नहीं नजर आएगा। लेकिन यूरोप, एशिया के अधिकांश भाग, अफ्रीका, उत्तरी-दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में दिखाई देगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण से कुछ घंटे पहले से सूतक काल आरंभ हो जाता है। इस दौरान किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ कामों को कने की मनाही होती है। जहां सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है, तो चंद्र ग्रहण के करीब 9 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है, जो ग्रहण समाप्त होने के साथ खत्म हो जाता है। बता दें कि आज चंद्र ग्रहण का सूतक रात 9 बजे के करीब लग जाएगा। लेकिन भारत में ग्रहण न लगने के कारण सूतक काल मान्य नहीं होगा।
चंद्र ग्रहण का टाइम 2024- सुबह 06:12 AM से 10:17 AM
उपच्छाया से पहला स्पर्श- सुबह 06:12
प्रच्छाया से पहला स्पर्श- सुबह 07:44
परमग्रास चन्द्र ग्रहण- सुबह 08:14
प्रच्छाया से अन्तिम स्पर्श- सुबह 08:44
उपच्छाया से अन्तिम स्पर्श- सुबह10:17
खण्डग्रास की अवधि- 59 मिनट
उपच्छाया की अवधि- 04 घण्टे 04 मिनट 27 सेकंड
बता दें कि चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले से आरंभ हो जाता है। ऐसे में चंद्र ग्रहण का सूतक 17 सितंबर की रात 9 बजकर 12 मिनट से शुरू हो जाएगा और इसकी समाप्ति ग्रहण खत्म होने के साथ होगी। लेकिन इस बार चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा।
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण सुबह के समय हो रहा है। इसलिए भारत में नजर नहीं आएगा। लेकिन सुबह के समय कुछ शहरों में चंद्रमा दृश्यमान रहेगा।
साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को लगने वाला है,जो पितृपक्ष के दौरान लगेगा। भारतीय समयनुसार चंद्र ग्रहण सुबह 6:12 मिनट पर प्रारंभ होगा, जो 10:17 मिनट पर समाप्त होगा।
