Lunar Eclipse 2019 Sutak Time : चाणक्य और बुद्ध की धरती बिहार में आज गुरु पूर्णिमा मनाई जा रही है। यहां गुरु शिष्य की परंपरा पौराणिक काल से ही चली आ रही है। आज एक और संयोग है कि 149 साल गुरु पूर्णिमा और चंद्रग्रहण एक ही दिन पड़ रहा है। ग्रहण का समय तो 17 जुलाई की सुबह 1 बजे से है लेकिन चंद्रग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। बिहार में ग्रहण को लेकर भी कई मान्यताएं हैं और महत्व भी है। इसीलिए सभी ये जरूर जानना चाहते हैं कि आखिर सूतक काल उनके यहां कब से कब तक रहेगा और ग्रहण का वक्त कब खत्म होगा।
ज्योतिषशास्त्रियों की मानें तो बिहार में चंद्रग्रहण का सूतक काल 16 जुलाई को 4 बजकर 25 मिनट से शुरू हो जाएगा। जबकि सूतक 17 जुलाई सुबह 4 बजकर 40 मिनट पर खत्म होगा। वैसे तो चंदग्रहण 1 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगा और सुबह 4 बजकर 30 तक रहेगा। इस तरह पटना, गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी में ग्रहण काल कुल 2 घंटे 58 मिनट रहेगा। वहीं इन इलाकों में ग्रहण का सूतक काल 16 जुलाई शाम 4.26 बजे से सुबह 4.45 बजे तक रहेगा।

इधर, मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि बिहार के ज्यादातर शहरों पटना, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, बेतिया, अररिया, सीवान, छपरा आदि इलाकों में आसमान पर बादल छाए रहेंगे और बारिश की भी संभावना है। इस कारण चंद्रग्रहण को देखने की इच्छा रखने वाले लोगों को निराशा हाथ लगेगी।
आपको बता दें कि आज सुबह से ही बिहार के तमाम मंदिरों में गुरु पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा के कारण भक्तों और शिष्यों की लंबी कतार है। लोग अपने गुरुओं के लिए दुआएं मांग रहे हैं और गुरु पूर्णिमा की विधिवत पूजा अर्चना भी चल रही है।
वहीं बद्रीनाथ केदारनाथ धाम के कपाट भी सूतक काल में बंद रखने की घोषणा की गई है। 16 जुलाई को दोपहर 4:25 मिनट पर ही कपाट बंद हो जाएंगे। बदरी-केदार मंदिर समिति ने बताया कि इसके लिए अपराह्न 3:15 मिनट पर ही मंगल आरती की जाएगी। 17 जुलाई को सुबह 4 बजकर 40 मिनट पर बदरीनाथ धाम की घंटी बजेगी। सुबह 6 बजे अभिषेक पूजा के साथ नियमित पूजा फिर हो जाएगी।