Chandra Grahan 2018 Today Time, Chandra Grahan 27 July 2018, Chandra Grahan 2018 Dates and Time in India: हमारे समाज में ग्रहण को लेकर तमाम तरह की मान्यताएं फैली हुई हैं। बहुत सारे लोग इन मान्यताओं पर विश्वास करते हैं और उनका पालन भी करते हैं। हिंदू धर्म में सामान्य तौर पर ग्रहण का लगना अशुभ माना जाता है। कहते हैं कि जब भगवान पर विपत्ति आती है, उस वक्त ग्रहण लगता है। 27 जुलाई(शुक्रवार) को चंद्र ग्रहण लग रहा है। यह 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण है।

बताया जा रहा है कि कुल 104 साल बाद इतना लंबा चंद्र ग्रहण लग रहा है। ज्योतिष शास्त्र के जानकारों का मानना है कि इस चंद्र ग्रहण का हम सबके जीवन पर काफी प्रभाव पड़ने वाला है। चलिए इस बारे में बिंदुवार जानते हैं।

1. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्र ग्रहण का लोगों की जन्मकुंडली पर गहरा प्रभाव पड़ता है। आमतौर पर इसका प्रभाव नकारात्मक ही माना जाता है। लेकिन कुछ राशि के जातकों को इसका लाभ भी मिलता है।

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2. कहते हैं कि गर्भवती महिलाओं और उनके होने वाले बच्चे के लिए चंद्र ग्रहण का प्रभाव 108 दिनों तक रहता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को इसे लेकर ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होगी।

3. ऐसी मान्यता है कि चंद्र ग्रहण होने पर व्यक्ति को कई तरह के नुकसान का सामना करना पड़ता है। कहा जा रहा है कि इस चंद्र ग्रहण से आर्थिक, सामाजिक, शारीरिक और मानसिक कष्टों का सामना करना पड़ेगा।

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4. माना जा रहा है कि चंद्र ग्रहण की वजह से पृथ्वी पर काफी वर्षा होगी। इससे बाढ़ जैसे हालात भी पैदा हो सकते हैं। ऐसे में यह चंद्र ग्रहण काफी हद तक आमजन-जीवन प्रभावित करने वाला है।

5. यह मान्यता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान दुर्घटना होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। कहा जा रहा है कि रेल दुर्घटना भी हो सकती है। इस स्थिति में हर किसी को यात्रा करते समय काफी सावधानी बरतनी होगी।

6. कहा जाता है कि ग्रहण के बाद पीने के पानी को बदल लेना चाहिए। यह वैज्ञानिक शोधों से भी सिद्ध हुआ है कि ग्रहण के समय मनुष्य का पाचन तंत्र बहुत कमजोर हो जाता है। इस स्थिति में यदि उनके पेट में दूषित अन्न या पानी चला जाएगा तो उनके बीमार होने की संभावना रहती है।

Chandra Grahan 27 July 2018 Today Time

चंद्रग्रहण एक आकाशीय घटना है जिसमें चांद और सूर्य के बीच पृथ्वी के आ जाने से सूर्य का प्रकाश चांद पर नहीं पड़ता है, जिससे चांद धरती पर दिखाई नहीं देता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह एक अशुभ घटना है और इसकी छाया से बचने के लिए लोग ग्रहण के बाद स्नान-दान करते हैं।