Chanakya Niti In Hindi: आचार्य चाणक्य विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने समाज और उसमें रहने वाले व्यक्तियों को सही दिशा दिखाने के लिए नीति शास्त्र में कई नीतियां लिखी, जिसे चाणक्य नीति कहा जाता है। कई लोगों को आचार्य चाणक्य की ये नीतियां काफी कठोर लगती हैं। लेकिन उनकी इस कठोरता में भी एक सच्चाई है। ऐसे ही आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में एक ऐसे श्लोक में जिक्र किया है जिसमें बताया गया है कि सुखी जीवन जीवन जीने के लिए व्यक्ति को किन पांच जगहों पर एक पल भी नहीं रुकना चाहिए।

श्लोक

धनिकः श्रोत्रियो राजा नदी वैद्यस्तु पञ्चमः। पञ्च यत्र न विद्यन्ते न तत्र दिवसे वसेत ॥

भावार्थ

आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक में बताया है कि जहां कोई सेठ, वेदपाठी विद्वान, राजा और वैद्य न हो, जहां कोई नदी न हो, इन पांच स्थानों पर एक दिन भी नहीं रहना चाहिए ।

जहां कोई सेठ न हो

आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को ऐसी जगह कभी नहीं रहना चाहिए। जहां पर कोई सेठ यानी कोई अमीर आदमी नहीं रहता हो, क्योंकि उसके होने से ही रोजगार या फिर बिजनेस होगा। जिस जगह पर धन कमाने का कोई साधन न हो, तो वहां पर कभी नहीं रहना चाहिए। कुछ दिन तो आप किसी तरह से गुजर-बसर कर सकते हैं, लेकिन एक समय के बाद आपको धन की आवश्यकता जरूर होगी।

जहां कोई राजा न हो

आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को ऐसी जगह भी नहीं रहना चाहिए जहां पर कोई राजा न हो, क्योंकि राजा न होने पर वहां पर कानून व्यवस्था के साथ पूरी अर्थव्यवस्था बिगड़ी हुई होगी। जहां पर लोगों के अंदर कानून का जरा सा भी भय न हो। ऐसी जगह रहने पर आप अपनी और परिवार की सुरक्षा को लेकर हमेशा परेशान रहेंगे।

जहां कोई वैद्य न हो

ऐसी जगह भी ही नहीं रहना चाहिए, जहां पर कोई वैद्य यानी डॉक्टर मौजूद न हो। हर व्यक्ति कभी न कभी बीमार जरूर होता है। ऐसे में अगर डॉक्टर नहीं होगा, तो आपकी जान पर भी बन सकती है।

जहां कोई विद्वान न हो

व्यक्ति को ऐसी भी जगह नहीं रहना चाहिए। जहां पर कोई विद्वान न हो। क्योंकि मुर्खों के बीच रहने से व्यक्ति भी उन्हीं की भांति हो जाता है। इसके साथ ही बच्चों के भविष्य के लिए विद्वान का होना बेहद जरूरी है।

नदी यानी पानी का स्त्रोत न हो

हर व्यक्ति को पानी की आवश्यकता होती है। शायद पानी के बिना जीवन ही नहीं है। इसलिए कभी भी ऐसी जगह पर नहीं रहना चाहिए जहां पर थोड़े से पानी के लिए अधिक मशक्कत करनी पड़ती हो।