Chanakya neeti: आज के समय में शिक्षा बहुत जरूरी होती है। शिक्षा के बिना एक व्यक्ति के जीवन का कोई अर्थ नहीं है। शिक्षा से एक विद्यार्थी का भविष्य बन सकता है। लेकिन आज के समय में सभी विद्यार्थियों का ध्यान उनकी पढ़ाई से हट गया है। हर किसी की यही शिकायत होती है कि वह पढ़ाई तो करना चाहते हैं परन्तु जब भी वह पढ़ने की कोशिश करते हैं तो उनका मन अन्य चीजों में लग जाता है। आचार्य चाणक्य ने छात्रों के लिए कुछ बाते कहीं थी जो कि आज के समय में भी यदि कोई छात्र उन बातों को ध्यान में रखेगा और उन्हें समझेगा तो अवश्य ही उसे उसके लक्ष्य का ज्ञान हो जाएगा और वह अपने मार्ग से नहीं भटकेगा। जानिए छात्रों की पढ़ाई को लेकर चाणक्य नीति…
1. चाणक्य ने एक विद्यार्थी को कुछ वस्तुओं में समय ना लगाने की सलाह दी है।
काम – इन प्रकार के विचारों पर एक छात्र को ध्यान नहीं लगाना चाहिए। ऐसे विचार छात्र के मन को भटकाते हैं।
क्रोध – क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। इसके कारण व्यक्ति की सोचने समझने की शक्ति समाप्त हो जाती है।
लालच – सभी छात्रों को किसी भी प्रकार की लालच नहीं करनी चाहिए।
श्रंगार – एक पढ़ने वाले छात्र को साज-श्रंगार पर अपना ध्यान नहीं लगाना चाहिए।
स्वाद – स्वाद पर ध्यान ना देकर छात्र को स्वादिष्ट भोजन की अपेक्षा संतुलित आहार ही खाना चाहिए।
2. चाणक्य कहते हैं कि जो छात्र विद्या को पूजता है उसके ज्ञान को पूरी दुनिया सम्मान देती है। मतलब शिक्षा के महत्व को समझने वाले की अपने आप प्रशंसा होती है।
3. चाणक्य ने कहा है कि भले ही कोई व्यक्ति कितना भी सुंदर हो यदि उसमें विद्या नहीं है और ज्ञान नहीं हैं तो उसकी सुंदरता किसी भी काम की नहीं है। वहीं यदि कोई व्यक्ति कुरूप होते हुए भी ज्ञानी है तो वह समाज में पूजनीय होता है।
4. यदि कोई छात्र प्रतिष्ठित और शिक्षित कुल में जन्म लेने के बाद भी उसने विद्या ग्रहण नहीं की तो उसने अपने कुल ही मर्यादा और सम्मान को ठेस पँहुचाई है।
5. एक पूरी ज़िन्दगी में विद्यार्थी जीवन सबसे अनमोल होता है। यदि इस समय में मेहनत नहीं की जाती तो पूरा जीवन ही नष्ट हो जाता है। जीवन में सुख का आधार विद्यार्थी जीवन में ही निर्मित होता है।