चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हर साल नवरात्र शुरू होते हैं। इस बार इसकी शुरुआत 25 मार्च से होने जा रही है जिसका समापन 02 अप्रैल को होगा। नवरात्रि में नौ दिनों तक मां शक्ति के अलग अलग नौ रूपों की उपासना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि देवी मां अपने भक्तों से प्रसन्न होकर पूरे वर्ष उन पर अपनी कृपा बनाए रखती हैं। जानिए चैत्र नवरात्रि की पूजा विधि, मुहूर्त, घटस्थापना का तरीका, मंत्र और अन्य सभी जानकारी…

Hindu New Year 2020 Calendar: चैत्र नवरात्र से विक्रम संवत 2077 शुरू, यहां जानिए हिंदू नव वर्ष के सभी प्रमुख व्रत त्योहारों की तारीखें

जरूरी सामग्री: मिट्टी का पात्र, लाल रंग का आसन, जौ, कलश के नीचे रखने के लिए मिट्टी, कलश, मौली, लौंग, कपूर, रोली, साबुत सुपारी, चावल, अशोका या आम के 5 पत्ते, नारियल, चुनरी, सिंदूर, फल-फूल, माता का श्रृंगार और फूलों की माला।

कलश स्थापना का तरीका (Kalash Sthapana Vidhi):

नवरात्रि के पहले दिन नहाकर मंदिर की सफाई करें और माता की चौकी लगाएं।

मां दुर्गा के नाम की अखंड ज्योत जलाएं ये आपकी इच्छा पर निर्भर करता है।

अब मिट्टी का एक पात्र लें उसमें जौ डालें। आप चाहें तो मिट्टी के पात्र की जगह बर्तन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। जौ नौ दिनों तक रखी जाती हैं और उसमें थोड़ा थोड़ा जल रोजाना छिड़का जाता है।

अब एक कलश लें उस पर मौली बांधें और स्वास्तिक का निशान बनाएं।

लोटे के अंदर कुछ बूंद गंगाजल डालकर उसमें दूब, साबुत सुपारी, अक्षत और सवा रुपया डालें।

अब लोटे के ऊपर आम या अशोक के 5 पत्ते लगाएं और नारियल को लाल चुनरी में लपेटकर कलश पर रख दें।

अब इस कलश को जौ वाले पात्र के बीचोबीच रख दें और माता के समक्ष व्रत करने का संकल्प लें।

Mata Aarti: जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी… आरती पढ़ें यहां से

कलश स्थापना का मुहूर्त (Kalash Sthapana Muhurat):

प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – मार्च 24, 2020 को 02:57 PM बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त – मार्च 25, 2020 को 05:26 PM बजे
मीन लग्न प्रारम्भ – मार्च 25, 2020 को 06:00 ए एम बजे
मीन लग्न समाप्त – मार्च 25, 2020 को 06:57 ए एम बजे

देवी दुर्गा के मंत्र:

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

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14:00 (IST)25 Mar 2020
नवरात्रि के खास उपाय...

यदि आपके घर में पारिवारिक समस्याएं ज्यादा हैं तो नवरात्र के अंतिम दिन स्नानादि से निवृत्त होकर “सब नर करहिं परस्पर प्रीति। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति” का उच्चारण करते हुए अग्नि में घी से 108 बार आहुति दें। आप रोजाना भी इस जप का पाठ कर सकते हैं, घर में प्रतिदिन कम से कम 21 बार जप करें। हो सके तो और परिजन भी जप कर सकते हैं। इससे परिवार का माहौल तेजी से बदलने लगेगा।

13:04 (IST)25 Mar 2020
नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने का क्या है महत्व...

नवरात्रि के दौरान हम माँं शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि देवी का पूजन-अर्चन करते हैं। साथ ही नवरात्रि के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। वहीं नवरात्रि में 9 दिनों तक देवी मां को प्रसन्न करने और मनवांछित फल पाने के लिए गाय के देशी घी से अखंड ज्योति प्रज्जवलित की जाती है। लेकिन अगर गाय का घी नहीं है तो अन्य घी से भी आप माता के सामने अखंड ज्योति जला सकते हैं। हिंदू धर्म में पूजा के दौरान दीपक का विशेष महत्व है। कोई भी पूजा बिना दीपक जलाए पूर्ण नहीं हो सकती है। ऐसी मान्यता है कि पूजा में दीपक को जलाना भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक होता है, लेकिन नवरात्रि के दौरान 9 दिन तक दीपक को जलाए रखना अखंड ज्योति कहलाता है। मान्यता है कि नवरात्रि में दीपक जलाए रखने से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं। इसलिए नवरात्रि के पहले दिन संकल्प करते हुए अखंड दीपक को जलाना चाहिए और नियमानुसार उसका सरंक्षण करना चाहिए। 

12:32 (IST)25 Mar 2020
मां शैलपुत्रि को लगाएं इसका भोग...

मान्यता है कि मां शैलपुत्री को सफेद वस्तु बहुत प्रिय होता है। नवरात्र के पहले दिन मां को सफेद वस्त्र सफेद फूल और सफेद रंग के खाद्य पदार्थ का भोग लगाया जाता है। आप चाहें तो को खीर, सफेद बर्फी का भोग लगा सकते हैं। मान्यता है कि देवी शैलपुत्रि के पूजन से जीवन में स्थिरता और दृढ़ता आती है। महिलाओं को इनकी पूजा से विशेष फल प्राप्त होते हैं।

11:42 (IST)25 Mar 2020
आज मां शैलपुत्री की हो रही है पूजा, पढ़ें इनके मंत्र...

1. शिवरूपा वृष वहिनी हिमकन्या शुभंगिनी।

पद्म त्रिशूल हस्त धारिणी

रत्नयुक्त कल्याण कारीनी।।

2. ओम ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:।

शैलपुत्री बीज मंत्र

ह्रीं शिवायै नम:।

11:20 (IST)25 Mar 2020
आज के शुभ मुहूर्त (Aaj Ka Shubh Samay):

अमृत काल – 04:35 ए एम, मार्च 26 से 06:23 ए एम, मार्च 26 तक, विजय मुहूर्त – 02:05 पी एम से 02:54 पी एम, गोधूलि मुहूर्त- 05:56 पी एम से 06:20 पी एम, ब्रह्म मुहूर्त- 04:24 ए एम, मार्च 26 से 05:12 ए एम, मार्च 26 तक, सायाह्न सन्ध्या – 06:08 पी एम से 07:19 पी एम, निशिता मुहूर्त- 11:40 पी एम से 12:27 ए एम, मार्च 26 तक।

10:59 (IST)25 Mar 2020
Durga Chalisa hindi, Durga Saptashati Path: श्री दुर्गा चालीसा...

आज से नवरात्रि पर्व शुरू हो चुका है। आज लोग अपने घरों में देवी मां की विधि विधान पूजा करेंगे। माता की चौकी सजाएंगे। कलश स्थापना की जायेगी। तो कुछ लोग इस दिन अखंड ज्योत भी जलाएंगे जो पूरी नवरात्रि जलती रहेगी। देवी दुर्गा के नौ दिन भक्त अपने अपने तरीके से मां को प्रसन्न करने के उपाय करते हैं। मान्यता है कि देवी मां प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी कर देती हैं। नवरात्रि में दुर्गा चालीसा का पाठ भी किया जाता है जो इस प्रकार है…

10:32 (IST)25 Mar 2020
शारदीय नवरात्रि की तिथियां...

25 मार्च 2020: नवरात्रि का पहला दिन, प्रतिपदा, कलश स्‍थापना, चंद्र दर्शन और शैलपुत्री पूजन.
26 मार्च 2020: नवरात्रि का दूसरा दिन, द्व‍ितीया, बह्मचारिणी पूजन.
27 मार्च 2020: नवरात्रि का तीसरा दिन, तृतीया, चंद्रघंटा पूजन.
28 मार्च 2020: नवरात्रि का चौथा दिन, चतुर्थी, कुष्‍मांडा पूजन.
29 मार्च 2020: नवरात्रि का पांचवां दिन, पंचमी, स्‍कंदमाता पूजन.
30 मार्च 2020: नवरात्रि का छठा दिन, षष्‍ठी, सरस्‍वती पूजन.
31 मार्च 2020: नवरात्रि का सातवां दिन, सप्‍तमी, कात्‍यायनी पूजन.
1 अप्रैल 2020: नवरात्रि का आठवां दिन, अष्‍टमी, कालरात्रि पूजन, कन्‍या पूजन.
2 अप्रैल 2020: नवरात्रि का नौवां दिन, राम नवमी, महागौरी पूजन, कन्‍या पूजन, नवमी हवन, नवरात्रि पारण

10:09 (IST)25 Mar 2020
अगर सुबह नहीं कर पाए कलश स्थापना तो इस मुहूर्त में करें ये काम...

सुबह 6.25 से 7.25 तक कलश स्थापना का सबसे शुभ मुहूर्त था। अगर इस मुहूर्त में कलश की स्थापना नहीं कर पाएं हैं तो इसके बाद सुबह 11.35 से 12.20 तक शुभ मुहूर्त है।

09:42 (IST)25 Mar 2020
दक्षिण भारत में कैसे मनाई जाती है नवरात्रि?

दक्षिण भारत में महिलाएं बोम्मई कोलू (Doll) के साथ अपने घरों को सजाती हैं। विभिन्न रंग के पाउडर और फूलों का उपयोग करके परंपरागत डिज़ाइन या रंगोली बनाती हैं। परिवार के सदस्य और दोस्त इस अवसर पर नारियल, कपड़े और मिठाई व पारंपरिक उपहार का आदान-प्रदान करते हैं। इस त्यौहार को दक्षिण भारत में कोलू के रूप में भी जाना जाता है।

09:13 (IST)25 Mar 2020
Navratri Aarti, Ambe Tu Hai Jagdambe Kali: अम्बे तू है जगदम्बे काली...

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी॥
सौ-सौ सिहों से है बलशाली, अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को तू ही ललकारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता। पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली, दुखियों के दुखड़े निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना। हम तो मांगें तेरे चरणों में छोटा सा कोना॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली, सतियों के सत को संवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली। वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
मैया भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली, भक्तों के कारज तू ही सारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती, हम सब उतारे तेरी आरती॥

08:56 (IST)25 Mar 2020
यदि कलश स्थापना के लिए पर्याप्त सामग्री नहीं जुटा सके हो तो आप यह कर सकते हैं....

-नारियल न हो तो सुपारी

-सुपारी न हो तो कोई चांदी का सिक्का

-यदि यह भी न हो तो लोंग देवी जी के आगे रख दें

सूक्ष्म विधि

-एक पात्र में गंगाजल मिश्रित जल का पात्र रखें और सात बार कलावा बांध दें। उस पर एक तश्तरी में पीली सरसो, काले तिल, लोंग, सुपारी रख दें।

08:33 (IST)25 Mar 2020
एक बार फिर से देख लें कलश स्थापना की सही विधि:

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को प्रात:काल स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर कलश स्थापना के लिए सामग्री पूजा स्थल पर एकत्र कर लें। अब एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित कर दें। इसके पश्चात मां दुर्गा के बाईं ओर सफेद वस्त्र पर 9 कोष्ठक नौ ग्रह के लिए बनाएं और लाल वस्त्र पर 16 कोष्ठक षौडशामृत के लिए बना लें। इतना करने के बाद कलश के गले में मौली या रक्षा सूत्र बांधें और उस पर रोली से स्वास्तिक बनाएं।

08:00 (IST)25 Mar 2020
चैत्र नवरात्रि पर बन रहा महासंयोग...

चैत्र नवरात्रि पर 178 वर्ष बाद महासंयोग बना है। ज्योतिष मुताबिक नवरात्रि के दौरान 30 मार्च को गुरु का राशि परिवर्तन मकर में होगा। मकर में शनि पहले से ही है जबकि गुरु नीच राशि में होंगे। शनि के वहां अपनी ही राशि में रहने से नीच भंग राजयोग बनेगा। ऐसा योग यानी नवरात्रि में गुरु का राशि परिवर्तन मकर राशि में आज से 178 वर्ष पहले 6 अप्रैल 1842 में बना था। इस महासंयोग से स्वास्थ्य,धर्म,संतान और आर्थिक स्थिति में बेहतरी दिखेगी। वहीं कलश स्थापना पर तीन ग्रह बहुत ही मजबूत स्थिति में रहेंगे। गुरु अपनी राशि धनु में, शनि अपनी राशि मकर में और मंगल अपनी उच्चराशि मकर में रहेंगे। इस संयोग से आर्थिक मंदी से उबरकर आर्थिक मजबूती दिखेगी।

07:41 (IST)25 Mar 2020
ऐसे करें दुर्गा सप्तशती का पाठ...

अगर एक दिन में दुर्गा सप्तशती का पूरा पाठ कर पाना संभव न हो तो इस विधि से हर एक दिन करें पाठ- प्रथम दिन एक पाठ प्रथम अध्याय, दूसरे दिन दो पाठ द्वितीय, तृतीय अध्याय, तीसरे दिन एक पाठ चतुर्थ अध्याय, चौथे दिन चार पाठ पंचम, षष्ठ, सप्तम व अष्टम अध्याय, पांचवें दिन दो अध्यायों का पाठ नवम, दशम अध्याय, छठे दिन ग्यारहवां अध्याय, सातवें दिन दो पाठ द्वादश एवं त्रयोदश अध्याय करके एक आवृति सप्तशती की होती है।

07:29 (IST)25 Mar 2020
नवरात्रि पूजा विधि...

पूजा विधि: इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। इसके बाद घर के मंदिर की साफ सफाई कर लें। फिर साफ सुथरी चौकी बिछाएं। उस पर गंगाजल का छिड़काव कर उसे शुद्ध कर लें। चौकी के पास एक बर्तन रखें जिसमें मिट्टी फैलाकर ज्वार बो दें। अब चौकी के पास मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना करें और दुर्गा जी को तिलक लगाएं। नारियल पर भी तिलक लगाएं। फूलों की माला मां दुर्गा को चढ़ाएं। फिर कलश स्थापना की तैयारी करें जिसके लिए सबसे पहले स्वास्तिक बना लें। कलश में जल, अक्षत, सुपारी, रोली और सिक्के डालें और फिर एक लाल रंग की चुनरी उस पर लपेट दें।

03:08 (IST)25 Mar 2020
नव वर्ष का आरंभ है चैत्र नवरात्र, देवी आराधना से मिलती हैं खुशियां

नवरात्रि का पर्व जीवन में उत्साह और उमंग के साथ नए संकल्प लेकर नव वर्ष में आगे बढ़ने का समय होता है। यह दिन नव वर्ष का आरंभ होता है। मां के नौ रूपों का दर्शन होता है। मां की आराधना करने से जीवन में खुशियां और सुख मिलता है। समृद्धि आती है।  

22:05 (IST)24 Mar 2020
जानें नवरात्रि में किन चीज़ों से रखें परहेज

Chaitra Navratri March 2020: नवरात्रि के नौ दिन माता रानी की उपासना की जाती है। इन दिनों भक्त माता को प्रसन्न करने के लिए कई जतन करते हैं। कहा जाता है कि मां के नौ स्वरूपों की उपासना करने से घर में सुख शांति बनी रहती है और माता अपने भक्तों से खुश होकर उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर देती हैं। इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 25 मार्च से होने जा रही है जिसका समापन 02 अप्रैल को होगा। नवरात्रि के नौ दिन कई शुभ योग भी बनेंगे। जिसमें मां की पूजा काफी फलदायी मानी जा रही है। यहां जानिए नवरात्रि में व्रत रखने वालों को किन नियमों का पालन करना माना गया है जरूरी…

21:44 (IST)24 Mar 2020
बन रहे हैं सर्वार्थ सिद्धि योग:

हिंदू धर्म में मां दुर्गा को शक्ति का रूप माना जाता है। 9 दिनों तक चलने वाले देवी के इस त्योहार को सभी भक्त धूमधाम से मनाते हैं। वैसे तो इन 9 दिनों में सब कुछ शुभकारी ही होता है, ये सभी दिन कोई भी कार्य करने के लिए बेहद शुभ माने जाते हैं। लेकिन इस बार चैत्र नवरात्रि के मौके पर कुछ खास संयोग भी बन रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस साल के चैत्र नवरात्रि में कुल 4 सर्वार्थ सिद्धि योग है। इसके अलावा, पांच रवि योग और गुरु पुष्य योग का दुर्लभ संयोग भी बन रहा है। साथ ही साथ द्विपुष्कर योग बनने के भी आसार दिख रहे हैं।

20:59 (IST)24 Mar 2020
नवरात्रि के नौ दिन...

पहला दिन : गुड़ी पड़वा होने से अबूझ मुहूर्त वाला होगा। कलश स्थापना होगी।दूसरा दिन : सर्वार्थ-अमृत सिद्धि योग में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का फल मिलेगा।तीसरा दिन : मां संतोषी व लक्ष्मी का आधिपत्य वाला दिन। सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इसी दिन गणगौर तीज भी रहेगी।चौथा दिन : भरणी नक्षत्र में विनायकी चतुर्दशी रहेगी। सिद्धि विनायक की पूजा करना अतिशुभ फलदायी रहेगा।पांचवां दिन : कृतिका नक्षत्र के चलते रवि योग रहेगा। यह अमृत सिद्धि योग के समान शुभ फल देने वाला होता है।छठवां दिन : सर्वार्थ-अमृत सिद्धि योग।सातवां दिन : मृगशिरा नक्षत्र और मंगलवार का संयोग शुभ होगा। रात 11 बजे के बाद की गई पूजा उपासना का विशेष फल प्राप्त होता है।आठवां दिन : सूर्योदय से दोपहर तक आद्र्रता इसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र रहेगा।नवां दिन : सर्वार्थ सिद्धि योग सूर्याोदय से प्रारंभ कर दोपहर 3:30 बजे तक रहेगा। इस दिन मां सिद्धिदात्री की उपासना की जाएगी।

20:43 (IST)24 Mar 2020
नवरात्रि की कथा (Navratri Ki Katha):

एक पौराणिक कथा के अनुसार नवरात्रि में मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध करके देवताओं को उसके कष्टों से मुक्त किया था। महिषासुर ने भगवान शिव की आराधना करके अद्वितीय शक्तियां प्राप्त कर ली थीं और तीनों देव अर्थात ब्रह्मा, विष्णु व महेश भी उसे हराने में असमर्थ थे। महिषासुर राक्षस के आंतक से सभी देवता भयभीत थे। उस समय सभी देवताओं ने अपनी-अपनी शक्तियों को मिलाकर दुर्गा को अवतरि‍त किया। अनेक शक्तियों के तेज से जन्मीं माता दुर्गा ने महिषासुर का वध कर सबके कष्टों को दूर किया।

20:10 (IST)24 Mar 2020
घट स्थापना के शुभ चौघड़िया मुहूर्त...

घट स्थापना का मुहूर्त घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:05 से 7:01 तक रहेगा। चौघड़िया मुहूर्त सुबह 6:05 से 7:36 तक और अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:44 से दोपहर 12:33 तक रहेगा।

17:47 (IST)24 Mar 2020
नवरात्रि की नौ देवियां

1. श्री शैलपुत्री2. श्री ब्रह्मचारिणी3. श्री चन्द्रघंटा4. श्री कुष्मांडा5. श्री स्कंदमाता6. श्री कात्यायनी7. श्री कालरात्रि8. श्री महागौरी9. श्री सिद्धिदात्री

17:22 (IST)24 Mar 2020
नवरात्रि की अंखड ज्योति (Chaitra Navratri Akhand Jyoti)...

नवरात्रि की अखंड ज्योति का बहुत महत्व होता है. आपने देखा होगा मंदिरों और घरों में नवरात्रि के दौरान दिन रात जलने वाली ज्योति जलाई जाती है. माना जाता है हर पूजा दीपक के बिना अधूरी है और ये ज्योति ज्ञान, प्रकाश, श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक होती है.

17:00 (IST)24 Mar 2020
नवरात्रि व्रत के नियम...

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्‍थापना कर नौ दिनों तक व्रत रखने का संकल्‍प लिया जाता है। पूरी श्रद्धा भक्ति से मां की पूजा करें। दिन के समय आप फल और दूध ले सकते हैं। शाम के समय मां की आरती उतारें। सभी में प्रसाद बांटें और फिर खुद भी ग्रहण करें। फिर भोजन ग्रहण करें। हो सके तो इस दौरान अन्‍न न खाएं, सिर्फ फलाहार ग्रहण करें। अष्‍टमी या नवमी के दिन नौ कन्‍याओं को भोजन कराएं। उन्‍हें उपहार और दक्षिणा दें। अगर संभव हो तो हवन के साथ नवमी के दिन व्रत का पारण करें।

16:48 (IST)24 Mar 2020
कैसे मनाया जाता है नवरात्रि का त्‍योहार?

नवरात्रि का त्‍योहार पूरे भारत में मनाया जाता है. उत्तर भारत में नौ दिनों तक देवी मां के अलग-अलग स्‍वरूपों की पूजा की जाती है. भक्‍त पूरे नौ दिनों तक व्रत रखने का संकल्‍प लेते हैं. पहले दिन कलश स्‍थापना की जाती है और अखंड ज्‍योति जलाई जाती है. फिर अष्‍टमी या नवमी के दिन कुंवारी कन्‍याओं को भोजन कराया जाता है. चैत्र नवरात्र के आखिरी दिन यानी कि नवमी को राम नवमी कहते हैं. हिन्‍दू धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन मर्यादा-पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का जन्म हुआ था. रामनवमी के साथ ही मां दुर्गा के नवरात्रों का समापन भी होता है. 

16:20 (IST)24 Mar 2020
मां शैलपुत्री को माना जाता है पहाड़ों की देवी जानिए नवरात्रि की सभी देवियां...

शैलपुत्री - इसका अर्थ- पहाड़ों की पुत्री होता है।
ब्रह्मचारिणी - इसका अर्थ- ब्रह्मचारीणी।
चंद्रघंटा - इसका अर्थ- चाँद की तरह चमकने वाली।
कूष्माण्डा - इसका अर्थ- पूरा जगत उनके पैर में है।
स्कंदमाता - इसका अर्थ- कार्तिक स्वामी की माता।
कात्यायनी - इसका अर्थ- कात्यायन आश्रम में जन्मि।
कालरात्रि - इसका अर्थ- काल का नाश करने वली।
महागौरी - इसका अर्थ- सफेद रंग वाली मां।
सिद्धिदात्री - इसका अर्थ- सर्व सिद्धि देने वाली।

15:56 (IST)24 Mar 2020
कलश स्थापना की विधि...

कलश स्थापना के लिए आप मिट्टी का कलश उपयोग करें तो उत्तम होगा, यदि संभव नहीं है तो फिर लोटे को कलश बना सकते हैं। कलश स्थापना में आपको एक कलश, स्वच्छ मिट्टी, थाली, कटोरी, जल, ताम्र कलश, मिट्टी का पात्र, दूर्वा, इत्र, चन्दन, चौकी, लाल वस्त्र, रूई, नारियल, चावल, सुपारी, रोली, मौली, जौ, धूप, दीप, फूल, नैवेद्य, अबीर, गुलाल, केसर, सिन्दूर, लौंग, इलायची, पान, सिंगार सामग्री, शक्कर, शुद्ध घी, वस्त्र, आभूषण, बिल्ब पत्र, यज्ञोपवीत, दूध, दही, गंगाजल, शहद आदि की आवश्यकता पड़ेगी।

14:24 (IST)24 Mar 2020
कलश स्थापना के लिए आवश्यक सामग्री:

जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र
साफ मिट्टी
मिट्टी का एक छोटा घड़ा
कलश को ढकने के लिए मिट्टी का एक ढक्कन
गंगा जल
सुपारी
1 या 2 रुपए का सिक्का
आम की पत्तियां अक्षत / कच्चे चावल मोली / कलावा /
रक्षा सूत्र
जौ (जवारे)
इत्र
फुल और फुल माला
नारियल लाल कपड़ा / लाल चुन्नी दूर्वा घास

13:56 (IST)24 Mar 2020
नवरात्रि में इन चीजों से करें परहेज...

Chaitra Navratri March 2020: नवरात्रि के नौ दिन माता रानी की उपासना की जाती है। इन दिनों भक्त माता को प्रसन्न करने के लिए कई जतन करते हैं। कहा जाता है कि मां के नौ स्वरूपों की उपासना करने से घर में सुख शांति बनी रहती है और माता अपने भक्तों से खुश होकर उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर देती हैं। इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 25 मार्च से होने जा रही है जिसका समापन 02 अप्रैल को होगा। नवरात्रि के नौ दिन कई शुभ योग भी बनेंगे। जिसमें मां की पूजा काफी फलदायी मानी जा रही है। यहां जानिए नवरात्रि में व्रत रखने वालों को किन नियमों का पालन करना माना गया है जरूरी…

13:33 (IST)24 Mar 2020
नवरात्रि पूजा का महत्व:

श्रद्धालुओं के लिए चैत्र नवरात्रि का समय बेहद महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसके माध्यम से देवी मां के भक्त उन्हें प्रसन्न करने और मां का आशीर्वाद लेने की कोशिश करते हैं। चैत्र नवरात्रि के पहले तीन दिन ऊर्जा की देवी मां दुर्गा को समर्पित है। अगले तीन दिन मां लक्ष्मी को समर्पित हैं जो धन की देवी हैं। इसके बाद अंतिम तीन दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है।

13:03 (IST)24 Mar 2020
चैत्र नवरात्रि में इन बातों का रखें ध्यान:

नवरात्रि में श्रद्धालु मां दुर्गा को प्रसन्न करने की कोशिश में जुटे रहते हैं, ऐसे में कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें। जिस घर में महिलाओं को इज्जत नहीं दी जाती, वहां मां का वास कभी नहीं होता है। इसलिए सदैव ही महिलाओं का सम्मान करें जिससे कि मां की कृपा हमेशा आप पर बनी रहे। घर में अगर आपने कलश स्थापित किया है तो घर को कभी खाली न छोड़ें, किसी ना किसी व्यक्ति को घर में हमेशा रहना चाहिए। अगर पावन पर्व में आपने व्रत नहीं किया है तो कोई बात नहीं, लेकिन इन दिनों प्याज लहसुन और मांस मदिरा से परहेज करें।

12:50 (IST)24 Mar 2020
मां दुर्गा के मंत्र...

1. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

2. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

12:26 (IST)24 Mar 2020
बन रहे हैं सर्वार्थ सिद्धि योग:

हिंदू धर्म में मां दुर्गा को शक्ति का रूप माना जाता है। 9 दिनों तक चलने वाले देवी के इस त्योहार को सभी भक्त धूमधाम से मनाते हैं। वैसे तो इन 9 दिनों में सब कुछ शुभकारी ही होता है, ये सभी दिन कोई भी कार्य करने के लिए बेहद शुभ माने जाते हैं। लेकिन इस बार चैत्र नवरात्रि के मौके पर कुछ खास संयोग भी बन रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस साल के चैत्र नवरात्रि में कुल 4 सर्वार्थ सिद्धि योग है। इसके अलावा, पांच रवि योग और गुरु पुष्य योग का दुर्लभ संयोग भी बन रहा है। साथ ही साथ द्विपुष्कर योग बनने के भी आसार दिख रहे हैं।

11:59 (IST)24 Mar 2020
नवरात्रि के पहले दिन होती है घट स्थापना:

नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना करने की परंपरा है और नवरात्रि के नौ दिनों तक ये कलश स्थापित रहता है। कहा जाता है कि कलश की स्थापना शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए। इस बार प्रतिपदा तिथि नवरात्रि के एक दिन पहले दोपहर से शरू हो रही है। जिस कारण घट स्थापना के लिए बहुत ही कम समय मिल रहा है। अगर किसी कारण शुभ मुहूर्त में आप कलश स्थापित न कर पाएं तब आप अभिजीत मुहूर्त देखकर ही ये काम करें।

11:41 (IST)24 Mar 2020
मां दुर्गा के मंत्र...


गंगे! च यमुने! चैव गोदावरी! सरस्वति!

नर्मदे! सिंधु! कावेरि! जलेSस्मिन् सन्निधिं कुरु।।

11:25 (IST)24 Mar 2020
नवरात्रि के दिनों में इन चीजों का सेवन नहीं किया जाता...

नवरात्रि के दौरान व्यक्ति को प्याज,लहसुन और मांस- मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिए। नवरात्रि के नौ दिनों तक पूर्ण सात्विक आहार का सेवन करें। 

10:47 (IST)24 Mar 2020
नवरात्रि में इस बात का रखें विशेष ध्यान...

नवरात्रि के दौरान घर में साफ सफाई का खास ध्यान रखें। इन दिनों कालें रंग के कपड़े और चमड़े से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल करने से बचें। ध्यान रखें इन दिनों बाल, दाढ़ी और नाखून भी काटने से परहेज करना चाहिए।

10:29 (IST)24 Mar 2020
नवरात्रि व्रत में इन चीजों का कर सकते हैं सेवन...

फल आहार का पालन करें। आप सेब, केला, चीकू, पपीता, तरबूज, और मीठे अंगूर की तरह मीठे फल खा सकते हैं। और आप भारतीय करौदा, आंवला का रस, लौकी का रस और नारियल पानी भी ले सकते है।

 
10:16 (IST)24 Mar 2020
नवरात्रि के नौ दिन...

पहला दिन : गुड़ी पड़वा होने से अबूझ मुहूर्त वाला होगा। कलश स्थापना होगी।दूसरा दिन : सर्वार्थ-अमृत सिद्धि योग में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का फल मिलेगा।

तीसरा दिन : मां संतोषी व लक्ष्मी का आधिपत्य वाला दिन। सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इसी दिन गणगौर तीज भी रहेगी।

चौथा दिन : भरणी नक्षत्र में विनायकी चतुर्दशी रहेगी। सिद्धि विनायक की पूजा करना अतिशुभ फलदायी रहेगा।

पांचवां दिन : कृतिका नक्षत्र के चलते रवि योग रहेगा। यह अमृत सिद्धि योग के समान शुभ फल देने वाला होता है।

छठवां दिन : सर्वार्थ-अमृत सिद्धि योग।

सातवां दिन : मृगशिरा नक्षत्र और मंगलवार का संयोग शुभ होगा। रात 11 बजे के बाद की गई पूजा उपासना का विशेष फल प्राप्त होता है।

आठवां दिन : सूर्योदय से दोपहर तक आद्र्रता इसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र रहेगा।

नवां दिन : सर्वार्थ सिद्धि योग सूर्याोदय से प्रारंभ कर दोपहर 3:30 बजे तक रहेगा। इस दिन मां सिद्धिदात्री की उपासना की जाएगी।

09:55 (IST)24 Mar 2020
नवरात्रि की कथा (Navratri Ki Katha):

एक पौराणिक कथा के अनुसार नवरात्रि में मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध करके देवताओं को उसके कष्टों से मुक्त किया था। महिषासुर ने भगवान शिव की आराधना करके अद्वितीय शक्तियां प्राप्त कर ली थीं और तीनों देव अर्थात ब्रह्मा, विष्णु व महेश भी उसे हराने में असमर्थ थे। महिषासुर राक्षस के आंतक से सभी देवता भयभीत थे। उस समय सभी देवताओं ने अपनी-अपनी शक्तियों को मिलाकर दुर्गा को अवतरि‍त किया। अनेक शक्तियों के तेज से जन्मीं माता दुर्गा ने महिषासुर का वध कर सबके कष्टों को दूर किया।