Neelam Stone In Shani Dosha: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार न्याय के देवता शनि ग्रह का पसंदीदा रत्न नीलम है और यह शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। बता दें कि जब भी किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह प्रतिकूल प्रभाव डालता है तो उसे उस ग्रह से संबंधित रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। जानकारों की मानें तो नीले रंग का नीलम रत्न बड़ी ही तेजी से अपना प्रभाव दिखाता है, अगर यह रत्न आपको सूट करेगा तो केवल 48 घंटों में ही आपको इसका लाभ दिखने लगेगा। लेकिन अगर यह आपको सूट नहीं करता है तो जल्द ही आपको अशुभ परिणाम भी मिलने शुरू हो जाते हैं।
नीलम रत्न को धारण करने में दोष होने पर आकस्मिक घटनाक्रम होने की आशंका बढ़ जाती है, इसलिए ज्योतिषाचार्य नीलम रत्न धारण करने से पहले बेहद ही सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। जानकार मानते हैं कि बिना कुंडली के तत्वों और शनि को जानें नीलम रत्न धारण नहीं करना चाहिए।
इस तरह धारण करें नीलम: नीलम को हमेशा शनिवार मध्य रात्रि में चांदी के साथ ही धारण करना चाहिए। साथ ही इसे पहनने के बाद शराब और तामसिक भोजन का पूरी तरह से त्याग कर देना चाहिए। ज्योतिषाचार्य की मानें तो चौकोर नीलम पहनना शुभ माना जाता है। इस रत्न को बाएं हाथ में पहनना चाहिए।
ये लोग कर सकते हैं नीलम को धारण: जानकारों की मानें तो जिन लोगों की कुंडली में शनि चौथे, पांचवें, दसवें और ग्यारहवें भाव में हों, उन्हें नीलम पहनने से बहुत लाभ मिलता है। साथ ही मेष, वृष, तुला और वृश्चिक राशि के जातक इस रत्न को धारण कर सकते हैं। हालांकि बिना किसी ज्योतिष की सलाह पर इस रत्न को धारण ना करें।
नीलम पहनने से पहले करें ये उपाय: नीलम रत्न को धारण करने से पहले उसे एक नीले कपड़े में लपेटकर अपने तकिये के नीचे एक सप्ताह तक रखें। इस बात पर ध्यान दें कि इसे रखने से नींद अच्छी आ रही है या नहीं। यानी अगर अच्छे सपने आयेंगे तो इसका मतलब है कि नीलम आपको सूट करेगा और अगर बूरे सपने आ रहे हैं तो इसका अर्थ है कि ये रत्न आप न पहनें।
