ज्योतिष विद्या के अनुसार हर ग्रह को एक विशेष रत्न प्रदर्शित करता है। अपनी राशि के अनुसार पहनने से कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभाव में कमी आ जाती है। यदि किसी की कुंडली में शनि देव का प्रकोप है और किसी भी प्रकार से कोई काम नहीं बन पा रहा है तो कुंडली की सभी दिशाओं को देखने के बाद नीलम रत्न पहनना आपके लिए शुभ हो सकता है। इसी तरह हर ग्रह के अनुसार रत्न धारण किया जाता है। यदि किसी पर मंगल का क्रूर प्रभाव है तो उस जातक को अपनी कुंडली के अनुसार मूंगा धारण करना चाहिए। मूंगा पहनने से व्यक्ति को अपार ऊर्जा मिलती है। इसको धारण करने से दुर्घटनाओं से, अपयश से, जेल यात्रा आदि से छुटकारा मिल जाता है। मूंगे को ज्योतिष में मंगल का रत्न कहा जाता है।

मंगल के लिए दो तरह के मूंगे का इस्तेमाल किया जाता है। एक इटैलियन मूंगा होता है जो लाल रंग का होता है और दूसरा देसी मूंगा होता है जिसका रंग नांरगी होता है। जिस व्यक्ति को मंगल खराब होता है उसे यह धारण नहीं करना चाहिए। इसका इस्तेमाल मंगल को तीव्र करने और ग्रह संतुलन करने के लिए धारण किया जाता है। राशि रत्न पहनने के पीछे एक ज्योतिषों द्वारा बताए गई बाते हैं कि राशि और रत्नों में सौर मण्डलीय ग्रह किरणों को धारण करने की अद्भुत शक्ति रहती है। अगर सभी गुणों को सम्मलित किरणों के वातावरण में उत्पन्न राशि रत्न पहना जाए तो वो शुभ परिणाम देता है।

– अगर कुंडली में मंगल मजबूत हो तो मूंगा पहनें। अगर कुंडली में मंगल खराब है तो इसे धारण ना करें।
– अगर किसी व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी है तो उसे मूंगा धारण करना चाहिए। संपत्ति संबंधी समस्याएं दूर करने के लिए मूंगा पहनें।
– मेष लग्न, सिंह लग्न, कर्क लग्न, धनु लग्न, वृश्चिक लग्न, मीन लग्न में मूंगा धारण करना फायदेमंद होता है।
– मूंगे को तांबे या सोने की अंगूठी में पहनना चाहिए। इसे मंगलवार की सुबह दाएं या बाएं हाथ की अनामिका उंगली में धारण करें।
– इसे पहनने से पहले कच्चे दूध, गंगाजल से धोकर धारण करें।
– मूंगे के साथ नीलम, हीरा बिल्कुल धारण ना करें। ऐसा करने से गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है।