Bhadrapada Purnima 2025 Date, Shubh Muhurat and Puja Vidhi: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है, जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। इसके अलावा पूर्णिमा तिथि पर स्नान-दान का भी विशेष महत्व बताया गया है। आपको बता दें कि इस बार भाद्रपद माह की पूर्णिमा पर साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और भारत में भी दिखाई देगा। ऐसे में आइए जानते हैं इस साल भाद्रपद माह की पूर्णिमा कब है, चंद्रग्रहण के दौरान कैसे रखें पूर्णिमा का व्रत और जानिए इसकी पूजा विधि…

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भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि और मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, 6 सितंबर को मध्यरात्रि 1 बजकर 42 मिनट से पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी और 7 सितंबर को रात 11 बजकर 39 मिनट तक यह तिथि चलेगी। ऐसे में इस वर्ष भाद्रपद माह की पूर्णिमा का व्रत 7 सितंबर, रविवार को किया जाएगा। साथ ही इस दिन चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है।

चंद्रग्रहण के दौरान कैसे करें पूर्णिमा का व्रत?

वैदिक पंचांग के अनुसार, 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण सुबह 8 बजकर 58 मिनट बजे से लेकर मध्यरात्रि 1 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। बता दें चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले लगभग 9 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाएगा। ऐसे में अगर आप भी पूर्णिमा का व्रत रखने वाले हैं तो 7 सितंबर को सुबह 12 बजकर 57 मिनट बजे से पहले अपनी पूजा पूरी कर लें। शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य दें, क्योंकि सूतक काल में मूर्ति को स्पर्श करना वर्जित होता है। चंद्रग्रहण का प्रभाव रात 8 बजकर 58 मिनट से मध्यरात्रि 1 बजकर 25 मिनट तक रहेगा, इसलिए इस समय से पहले ही पूजा पूरी कर लें।

पूर्णिमा व्रत पूजा विधि

पूर्णिमा तिथि के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कर लें। उसके बाद सबसे पहले सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का संकल्प लें। फिर ईशान कोण में एक लकड़ी की चौकी रखें और उस पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं और उसपर लक्ष्मी नारायण की प्रतिमा स्थापित करें। अब भगवान का तिलक करें और घी का दीपक जलाएं। उन्हें रोली, चंदन, धूप आदि अर्पित करें। इसके बाद पूर्णिमा व्रत कथा का पाठ करें, लक्ष्मी नारायण की आरती करें। अंत में भगवान को भोग लगाएं और प्रसाद बांटें। पूजा समाप्त होने के बाद चंद्रमा को कच्चा दूध डालकर अर्घ्य दें और व्रत का पारण करें।

भाद्रपद पूर्णिमा का महत्व

भाद्रपद पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु और चंद्र देव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

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