Bakrid Eid Ul Adha 2024 Date Updates: देशभर में बकरीद का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस पर्व को ईद-अल-अजह़ा और ईद-उल-अज़हा नाम से जानते हैं। इस दिन को त्याग और कुर्बानी के तौर पर याद किया जाता है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, हर साल आखिरी माह ज़ु अल-हज्जा की 10वीं तारीख को बकरीद का पर्व मनाया जाता है। आज देशभर में इस पर्व को धूमधाम से मना रहे हैं। आज नमाज पढ़ने के साथ-साथ एक-दूसरे के गले मिलकर बकरीद की बधाई दे रहे हैं। ये पर्व पैगंबर हजरत इब्राहिम से ही कुर्बानी देने की प्रथा शुरू हुई थी। इस दिन सूर्योदय के बाद नमाज़ अदा करने के बाद कुर्बानी दी जाती है। माना जाता है कि एक दिन हजरत इब्राहीम से ख्वाब में अल्लाह ने उनकी सबसे प्यारी चीज को अल्लाह की राह में कुर्बान करने को कहा। हजरत इब्राहिम ने अपने ख्वाब को सच जाना और अल्लाह की राह में अपनी सबसे अज़ीज चीज अपने बेटे को अपने रब की रजा के लिए कुर्बान करने की ठान ली। आइए जानते हैं ईद-अल-अजह़ा संबंधित हर एक बात…
अल्लाह आपको खुशियां और अता करें
दुआ हमारी है आपके साथ
बकरीद पर आप और सवाब हासिल करें!
ईद-अल-अजहा आपको मुबारक!
अल्लाह ने अता फरमाया है,
एक बार फिर से बंदगी की राह पर चलाया है,
अदा करना अपना फर्ज सभी के लिए,
ईद-उल-अजहा खुशियां लाए आपके लिए.
अल्लाह की रहमत छाई है
खुशियां कितनी लाई है
कयामत ने बात दोहराई है
देखो फिर से बकरीद आई है
Happy Eid-Ul-Adha 2024
आओ मिलें आज ईद का दिन है,
मुसर्रतों मस्करहतों दीद का दिन है,
गिले भुलाएं, दिलों को साफ अब कर लें,
रंजीशों को मिटाएं के सात-ए-सईद का दिन है।
ईद मुबारक!
चांद की रोशनी बिखर गई है आसमान में,
खुशियों का माहौल है सारे जहान में,
हर कोई अल्लाह की इबादत कर रहा है,
ऐसी बरकत छाई है ईद के त्योहार में।
ईद मुबारक
जिंदगी का हर पल खुशियों से कम न हो,
आपका हर दिन ईद के दिन से कम न हो।
बकरीद की शुभकामनाएं
इस्लाम धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक ईद-उल-अज़हा यानी बकरीद होता है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, हर साल आखिरी माह ज़ु अल-हज्जा की 10वीं तारीख को बकरीद का पर्व मनाया जाता है। इस साल बकरीद 17 जून 2024 को मनाई जा रही है। ये पर्व पैगंबर हजरत इब्राहिम से ही कुर्बानी देने की प्रथा शुरू हुई थी। इस दिन नमाज अदा करने के बाद कुर्बानी दी जाती है। आमतौर पर बकरीद के दिन सुबह के समय नमाज जरूर अदा की जाती है।
सूरज की किरणें, तारों की बहार
चांद की चांदनी अपनों का प्यार
आपका हर पर हो खुशहाल
मुबारक हो आपको बकरीद का त्यौहार
बकरीद की शुभकामनाएं
बकरीद की नमाज के बाद ही जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। शहर के साथ-साथ हर मस्जिद में अलग-अलग समय में नमाज की जाएगी। जानें शहर के हिसाब से आपके यहां कब होगी बकरीद की नमाज़
Eid-ul- Adha 2024: भारत में कल मनाई जाएगी बकरीद, जानें शहर के अनुसार ईद-अल-अज़हा की नमाज़ का समय
जिंदगी का हर पल खुशियों से कम न हो,
आपका हर दिन ईद के दिन से कम न हो।
बकरीद की हार्दिक शुभकामनाएं
तारों से आसमां में खिली रहे बहार,
चांद के जैसा पाक हो सभी का प्यार,
होता रहे यूं ही अपनों से दीदार,
मुबारक हो तुमको बकरीद का त्योहार।
बकरीद की मुबारकबाद
ईद-उल-अज़हा के दिन किसी जानवर की कुर्बानी देने सबसे जरूरी माना जाता है। ये न केवल पैगम्बर इब्राहीम की बल्कि हमारे पैगम्बर मोहम्मद की भी पक्की सुन्नत है। अल्लाह की राह में पशुओं की कुर्बानी देना एक महान इबादत माना जाता है। बता दें कि की कुर्बानी तय की गई तिथियों में ही दी जानी चाहिए यानी ईद की नमाज़ के बाद (ज़ुल हिज्जा की 10वीं तारीख़) और 13 ज़ुल हिज्जा के सूर्यास्त से पहले ही कुर्बानी दे सकते हैं।
आप बकरा के अलावा ऊंट,भैंस, भेड़, बकरी आदि की कुर्बानी दे सकते हैं।
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बता दें कि बकरीद में जिस जानवर की कुर्बानी दी जाती है। उसे तीन भागों में बांटा जाता है। पहला भाग घर के लिए, दूसरा भाग करीबियों या पड़ोसियों के लिए और तीसरा भाग गरीबों को दिया जाता है।
जामा मस्जिद में सुबह 7 बजकर 30 मिनट में बकरीद की नमाज पढ़ी जाएगी। इसके साथ ही बाबुटोला की ईदगाह में सुबह 7 बजे नमाज की जाएगी। इसके साथ दिल्ली के अन्य मस्जिदों में विभिन्न समयों में नमाज अदा की जाएगी।
Eid-ul- Adha 2024: भारत में कल मनाई जाएगी बकरीद, जानें शहर के अनुसार ईद-अल-अज़हा की नमाज़ का समय
बरेली में बकरीद की नमाज का समय मस्जिदों के हिसाब से अलग-अलग होगा। बता दें कि ईदगाह में सुबह 10 बजे नमाज पढ़ी जाएगी। बता दें कि गढ़ी रफियाबाद की मस्जिद में पहली नमाज सुबह 7 बजे और दूसरी साढ़े 7 बजे होगी।
इसके साथ ही सुबह 5 बजकर 45 मिनट पर रेलवे जंक्शन की नूरी मस्जिद, जखीरे की दुलिया वाली मस्जिद, साहूकारा की अनार वाली मस्जिद मैं होगी। इसके साथ ही अन्य मस्जिदों में समय-समय पर नमाज होगी और सुबह 9 बजे खानकाह नियाजिया, दरगाह शाहदाना वली, नौमहला मस्जिद में होगी।
ऐशबाग ईदगाह- सुबह 10 बजे
टीले वाली मस्जिद- 9 बजे
आसिफी मस्जिद – 11 बजे
ईदगाह उजरियांव गोमतीनगर- 8 बजे
मस्जिद भईया साहब यहियागंज- सुबह 5 बजकर 45 मिनट
नादान महल जामा मस्जिद- सुबह 11 बजे
आगाज ईद है अंजाम ईद है,
सच्चाई पे चलो तो हर गम ईद है,
जिसने भी रखे रोजे,
उन सब के लिए अल्लाह की तरफ से इनाम ईद है।
मुरादाबाद में क्षेत्र के हिसाब से नमाज पढ़ने का समय थोड़ा अलग-अलग है।
असालतपुरा बड़ी मस्जिद- सुबह 08 बजे
गलशहीद स्थित मदरसा जामेउलहुदा-सुबह 08 बजे
इंद्रा चौक चांद वाली मस्जिद0 सुबह 06 बजकर 30 मिनट
मस्जिद पक्काबाग: 06 बजकर 15 मिनट पर
गरियों वाली मस्जिद: 05 बजकर 45 मिनट पर
जाहिद नगर बिनकाब मस्जिद: सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर
बकरीद के दिन को कुर्बानी के तौर पर मनाते हैं। इस दिन बकरे सहित कुछ अन्य जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। मान्यता है कि इस पर्व को त्याग और कुर्बानी के रूप में मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, एक बार अल्लाह ने पैगंबर हज़रत इब्राहीम का इम्तिहान लेनी की सोची। ऐसे में उन्होंने हज़रत इब्राहीम को ख्वाब के जरिए अपनी एक प्यारी चीज को अल्लाह के लिए कुर्बान करने के लिए कहा। जब हज़रत इब्राहीम उठे, तो वह इस सोच में पड़ गए कि आखिर उनके लिए सबसे प्रिय चीज क्या है? तो उन्हें अपने बेटे की याद आईं। बता दें कि हज़रत इब्राहीम जी को अपने इकलौते बेटे इस्माइल से सबसे ज्यादा प्रेम था। वो ही एक ऐसी चीज थी जो उन्हें सबसे ज्यादा प्रिय थी। लेकिन अल्लाह के लिए वह अपने बेटे को कुर्बान करने के लिए तैयार हो गए।
हज करने के कई अलग-अलग तरीके हैं और इस्लामी विचारधारा के कई स्कूल हैं, जो अलग-अलग तरीके पेश करते हैं। हज करने में शामिल स्टेप्स के बारे में हम आपको बता रहे हैं।
हज इस्लामी कैलेंडर के 12वें महीने जुल हिज्जा में होता है। ये माह अल्लाह के प्रति समर्पण और विश्वास दिखाने का एक तरीका है। जानें हज यात्रा में किए जाने वाले अरकानों के बारे में विस्तार से
हज पर जा रहे हैं तो इन 7 अरकानों का जानना ज़रूरी, इन स्टेप्स से गुज़रता है एक हाजी
फ़िज़ा को मौसम मुबारक
हवा को खुशबू मुबारक
फ़िज़ा को मौसम मुबारक
दिलों को प्यार मुबारक
आपको हमारी तरफ से
मुबारक मौका अल्लाह ने अता फरमाया
एक बार फिर बंदगी की राह पर चलाया
अदा करना अपना फर्ज तुम खुदा के लिए
खुशी से भरी हो ईद-उल-अजहा आपके लिए !
Eid al-Adha Mubarak
आगाज ईद है अंजाम ईद है,
सच्चाई पे चलो तो हर गम ईद है,
जिसने भी रखे रोजे,
उन सब के लिए अल्लाह की तरफ से इनाम ईद है।
बता दें कि बकरीद की नमाज का समय हर समय में अलग-अलग होगा। ईदगाह में 7 बजकर 45 मिनट पर नमाज होगी। इसके साथ ही सुबह 8 बजे से पहले अधिकतर जगहों पर ईज-अलह-अज़हा की नमाज अदा करके जानवर की कुर्बानी दी जाएगी।
इस साल बकरीद या ईद-अल-अज़हा का पर्व दुनियाभर में 17 जून को मनाया जाएगा।
