बैसाखी का त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है। इस वर्ष बैसाखी का त्योहार 14 अप्रैल को मनाया जा रहा है। यह त्योहार सिख समुदाय के लोगों के लिए बहुत महत्व रखता है, यह उनके महत्वपूर्ण त्योहारों में से है। बैसाखी को लेकर मान्यता है कि इस दिन सिखों के 10वें गुरू श्री गुरू गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। खालसा पंथ की स्थापना का मुख्य लक्ष्य था नेकी और धर्म के लिए सदैव तत्पर रहना। इसके अलावा बैसाखी का त्योहार इसलिए भी महत्व रखता है क्योंकि इस दिन गुरू तेग बहादुर के त्याग को भी याद किया जाता है।

कहा जाता है कि गुरू तेग बहादुर ने जब अपना धर्म बदलने से इनकार कर दिया तो मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश के बाद उनका सिर धड़ से अलग कर दिया था और इस तरह उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपनों प्राणों का बलिदान दे दिया था। इसके बाद गुरू तेग बहादुर के बेटे गुरू गोविंद सिंह ने सिखों की एक फौज तैयार की। गुरू गोबिंद सिंह ने भी मुगलों के द्वारा हो रहे अन्याय को रोकने के लिए काफी बलिदान दिया। धर्म की रक्षा के लिए गुरू गोबिंद सिंह ने पांच खालसा को चुना जिन्हें पंज प्यारे भी कहा गया।

वहीं बैसाखी के दिन उत्तर भारत के किसान साल की पहली फ़सल काटने की खुशी मानते हैं। इस दिन पंजाब का परंपरागत नृत्य भांगड़ा और गिदा किया जाता है। पंजाब में बैसाखी के त्योहार की अलग ही रौनक देखने को मिलती है। तो बैसाखी के खास मौके पर आप अपनों इन खास संदेशों के साथ शुभकामनाएं दें।

बैसाखी आई, साथ में ढेर सारी खुशियां लाई,
तो भंगड़ा पाओ, खुशी मनाओ,
मिलकर सब बंधु भाई।
बैसाखी की शुभकामनाएं।

नचले-गाले हमारे साथ,
आई है बैसाखी खुशियों के साथ,
मस्ती में झूम और खीर पूरी खा,
और न कर तू दुनिया की परवाह,
बैसाखी मुबारक हो।

एसएमएस भेजण दा नहीं सी शौंक साणूं
तेरी याद ने मोबाइल फड़ा दित्ता
मैसेज लिखदे लिखदे स्पेस मुक्की
अस्सी ओवरराइट अलाउड ला दित्ता
यारा मेरेया मैसेज रिप्लाइ करीं
अस्सी अपणा फर्ज निभा दित्ता
हैप्पी बैसाखी

खुशिया हो OverFlow,
मस्ती कभी न हो Low,
अपनों सुरूर छाया रहे,
दिल में भरी माया रहे,
शोहरत की हो बौछार,
ऐसा आए आपके लिए Baisakhi का त्योहार..!

आज है दिन खुशी मनाने का,
हो जाओ सब तैयार, काट के फसल भोग गुरूद्वारे लगाने को,
सब को मुबारक हो किसान के इस त्यौहार का।