Anant Chaturdashi 2025 Tithi: हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व है। आपको बता दें कि अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश उत्सव का समापन होता है। इस दिन गणपति को विदा किया जाता है और उनको पवित्र नदी में विसर्जन किया जाता है। वहीं इस दिन व्रत रखने और कथा पाठ करने से कई गुना पुण्य मिलता है। पुराणों के मुताबिक, वनवास के दौरान पांडवों ने भी अनंत चतुर्दशी या अनंत चौदस का व्रत रखा था, जिसके बाद ही उनके कष्ट खत्म हुए थे। ये त्योहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल गणेश चतुर्दशी का पर्व 6 सितंबर को मनाया जाएगा। वहीं इस दिन रवि योग भी बन रहा है और कई शुभ संयोग भी बन रहे हैं। आइए जानते हैं तिथि और गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त…
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अनंत चतुर्दशी 2025 कब है? ( Anant Chaturdashi 2025 Date )
वैदिक पंंचांग के अनुसार अनंत चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 6 सितंबर को सुबह 3 बजकर 15 मिनट पर होगी और 7 सितंबर को मध्यरात्रि 1 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 6 सितंबर को ही अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा।
अनंत चतुर्दशी पर बप्पा का विसर्जन करने का मुहूर्त
शुभ चौघड़िया सुबह में 7 बजकर 35 मिनट से 9 बजकर 11 मिनट तक।
लाभ चौघड़िया दोपहर में 1 बजकर 53 मिनट से 3 बजकर 29 मिनट तक।
अमृत चौघड़िया दोपहर में 3 बजकर 28 मिनट से 5 बजकर 4 मिनट तक।
लाभ चौघड़िया शाम में 6 बजकर 38 मिनट से 8 बजकर 4 मिनट तक।
पंचांग के अनुसार, इन शुभ मुहूर्त में किसी भी समय आप गणेश विसर्जन कर सकते हैं।
अनंत चतुर्दशी 2025 महत्व
अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। मान्यता है इस दिन विष्णु जी की पूजा अर्चना करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं इस दिन अनंत सूत्र बांधने की परंपरा है। जिसमें कुल 14 गांठ होती है। इन 14 गांठों को 14 लोकों के साथ जोड़ कर देखा जाता है और इस पूजा को अनंत फल देने वाला माना जाता है। साथ ही यह गणेश उत्सव का अंतिम दिन होता है और इसी दिन 10 दिनों के बाद बप्पा को विसर्जित किया जाता है। वहीं अनंत चतुर्दशी के दिन पूजा करने से दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है। साथ ही गुरु दोष से मुक्ति मिलती है।