Anant Chaturdashi 2023 Date: हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व है। इसे अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन ही दस दिवसीय गणेश उत्सव का समापन होता है।  इस दौरान गणपति बप्पा की विदाई करने के साथ धूमधाम से विसर्जन किया जाता है। इसके साथ ही बप्पा से अगले साल आने की प्रार्थना करते हैं। इसके साथ-साथ इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। बता दें कि हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा जाता है। इसके साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ ही रक्षा सूत्र बांधा जाताहै। आइए जानते हैं अनंत चतुर्दशी की तिथि, मुहूर्त और महत्व।

अनंत चतुर्दशी 2023 तिथि (Anant Chaturdashi 2023 Tithi)

हिन्दू पंचांग के अनुसार, अनंत चतुर्दशी हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चतुर्दशी तिथि 27 सितंबर को रात 10 बजकर 18 मिनट से शुरू हो रही है, जो 28 सितंबर को शाम 06 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में अनंत चतुर्दशी का पर्व 28 सितंबर 2023 को मनाया जाएगा।

अनंत चतुर्दशी 2023 शुभ मुहूर्त (Anant Chaturdashi 2023 Muhurat)

पूजा का शुभ मुहूर्त- 28 सितंबर को सुबह  6 बजकर 12 मिनट से  6 बजकर 51 मिनट तक

अनंत चतुर्दशी 2023 का महत्व (Anant Chaturdashi 2023 Mahatav)

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अनंत चतुर्दशी की शुरुआत महाभारत काल पर हुई थी। इसके साथ ही भगवान ने सृष्टि के आरंभ में चौदह लोकों तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुवः, स्वः, जन, तप, सत्य, मह की रचना की थी। इसके साथ ही उनकी रक्षा करने के लिए चौदह रूपों में प्रकट हुए थे, जिससे वह अनंत नजर आने लगे थे। इसलिए अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने से अनंत फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही व्यक्ति को हर तरह के दुख-दर्द से निजात मिल जाती है।

अनंत चतुर्दशी को रक्षा सूत्र बांधना शुभ

इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के बाद अंत में रक्षा सूत्र बांधना शुभ माना जाता है। पूजा के समय अनंत सूत्र की षोडशोपचार विधि से पूजा करना चाहिए या फिर अनंत सूत्र पर कुमकुम और हल्दी लगाएं, उसमें 14 गांठ बांधकर पूजा के स्थान पर रख दें।  इसके बाद इस मंत्र को बोलना चाहिए।

 अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव।
 अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।

अनंत सूत्र की पूजा करने के बाद पुरुष दाहिने हाथ में और महिलाएं अपने बाएं हाथ में इसे बांध लें।

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