Chanakya Niti: एक कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर रणनीतिकार और कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य को समाज के लगभग सभी विषयों की गहराई से समझ थी। अपने जीवन काल में चाणक्य जी ने हमेशा समाज का मार्गदर्शन किया, साथ ही उन्होंने एक ‘नीति शास्त्र’ की भी रचना की थी। इस नीति शास्त्र के जरिए चाणक्य जी ने लोगों को सही जीवन जीने की राह दिखाई है, इसलिए चाणक्य जी की नीतियां आज के समय में भी प्रासंगिक मानी जाती हैं।

अगर कोई व्यक्ति की आचार्य चाणक्य की बातों का अनुसरण अपने जीवन में करता है, तो वह जीवन में कभी मात नहीं खाएगा और सफल मुकाम पर पहुंच सकता है। चाणक्य जी ने अपने नीति शास्त्र में ऐसी पांच चीजों का जिक्र किया है, जो हमेशा मुश्किल वक्त में मनुष्य के काम आती हैं। जानिये कौन-सी हैं वह 5 चीजें-

विद्या कभी चोरी नहीं की जा सकती:

चाणक्य जी के अनुसार विद्या यानी ज्ञान ना तो कभी चोरी होता है, ना ही कोई उसे आपसे छीन सकता है। विद्या अर्जन करना, कामधेनु के समान होता है। मुश्किल वक्त में सबसे ज्यादा ज्ञान ही आपके काम आता है और यह आपको कठिन परिस्थितियों से निकलने में भी मदद करता है। चाणक्य जी विद्या को गुप्त धन भी मानते थे। अगर आपके हाथ में टैलेंट मतलब कोई विद्या आपके पास है, तो आप हमेशा धन कमा सकते हैं।

संतजनों की संगति:
आचार्य चाणक्य के अनुसार संतजनों की संगति में रहने वाला मनुष्य बेहद ही सौभाग्यशाली होता है। वह हर परिस्थिति का डटकर सामना करता है। मुसीबत पड़ने पर भी वह अपना आपा नहीं खोता। यही वजह है की वह सुख और शांति से अपना जीवन व्यतीत करता है। संतजनों के सानिध्य में रहने से हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार मनुष्य के अंदर होता रहता है। तथा आध्यात्म के प्रति झुकाव से एक विशेष प्रकार का तेज चेहरे पर रहते है।

स्वस्थ शरीर होना जरूरी है:

चतुर रणनीतिकार आचार्य चाणक्य मानते हैं कि स्वस्थ शरीर विपरित परिस्थितियों में भी मनुष्य के काम आता है। क्योंकि अगर मनुष्य का शरीर स्वस्थ है तो वह अपनी बुद्धि का सही तरीके से इस्तेमाल कर पाता है। साथ ही स्वस्थ शरीर होने से आप हमेशा धन कमाने की स्थिति में रहते हैं। वहीं अगर आपका शरीर स्वस्थ नहीं तो आपका किसी भी चीज में मन नहीं लगेगा। (यह भी पढ़ें)Chanakya Niti: इन लोगों को परेशान करने से रूठ सकतीं हैं मां लक्ष्मी, जानिये क्या कहती है चाणक्य नीति

धन संचयन करना भी जरूरी:

कौटिल्य के नाम से प्रसिद्ध चाणक्य जी मानते हैं कि व्यक्ति को बुरे समय के लिए धन का संचयन करना बेहद ही जरूरी होता है। क्योंकि जब मुसीबत में हर कोई आपका साथ छोड़ देता है तो यही धन आपके काम आता है। चाणक्य जी ने धन को सच्चा मित्र भी बताया है। कहते हैं जब कोई भी साथ नहीं दे लेकिन अपना जोड़ा गया धन आपके जरूर साथ देता है। क्योंकि आज के भोतिकवादी युग में हर व्यक्ति आपसे स्वार्थ से जुड़ना पसंद करता है। इसलिए अगर आपके पास धन होगा, तो लोग आपका साथ जरूर देंगे।

ईश्वर में हमेशा रखें आस्था: 

संकट में जब पुत्र, पुत्री, परिवार जन और पत्नी भी आपका साथ छोड़ देते हैं तब केवल ईश्वर ही आपकी रक्षा करते हैं और आपका सहारा बनते हैं। इसलिए आचार्य चाणक्य मानते हैं कि व्यक्ति को कभी भी भगवान की भक्ति करना नहीं छोड़ना चाहिए। क्योंकि ईश्वर ही अंतिम सत्य है। (यह भी पढ़ें)किसी से भूलकर भी ना करें इन 5 बातों का जिक्र, नहीं तो हो सकता है नुकसान, जानिये क्या कहती है चाणक्य नीति