महान रणनीतिकार और बुद्धिजीवी आचार्य चाणक्य द्वारा रचित चाणक्य नीति में समाज के कल्याण से जुड़ी कई जरूरी बातें बताई गई हैं। चाणक्य जी की नीतियां आज के समय में भी काफी प्रासंगिक मानी जाती हैं, यह सुनने में भले ही कठिन क्यों ना लगें, हालांकि इन नीतियों का अनुसरण करने वाला व्यक्ति अपनी जिंदगी में सफलता जरूर प्राप्त करता है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में ऐसी तीन बातों का जिक्र किया है, जिन्हें अपनाकर मनुष्य अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकता है।

दुश्मन से कभी ना घबराएं: आचार्य चाणक्य के अनुसार मनुष्य को कभी भी अपने दुश्मन से नहीं घबराना चाहिए। बल्कि कोशिश करें की आप उनसे ज्यादा ताकतवर बन जाएं। क्योंकि ताकत के जरिए ही शत्रु पर विजय प्राप्त की जा सकती है। चाणक्य नीति में इस बात का जिक्र किया गया है की शत्रु कितना भी ताकतवर क्यों ना हो, लेकिन उसके सामने कभी घुटने नहीं टेकने चाहिए।

बल्कि खुद को मानसिक रूप से मजबूत रखना चाहिए। कई बार शत्रु से लड़ाई में हार भी हो जाती है लेकिन ऐसी स्थिति में भी हिम्मत नहीं खोनी चाहिए बल्कि अपनी गलतियों को सुधारना चाहिए और खुद को मजबूत बनाने पर ध्यान देना चाहिए।

शत्रु को कभी न समझें कम: आचार्य चाणक्य के अनुसार शत्रु को कभी भी कम नहीं आंकना चाहिए। क्योंकि अगर आप अपने शत्रु की ताकत का सही अंदाजा लगा लेंगे तो आपकी जीत पक्की है। इसलिए भूलकर भी शत्रु को कम ना समझें क्योंकि ऐसा करने पर वह आपकी हर कमजोर कड़ी पर वार करने की कोशिश करता है।

क्रोध पर रखें काबू: चाणक्य जी क्रोध को मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु मानते हैं। चाणक्य नीति के अनुसार जो लोग ठंडे दिमाग से काम नहीं लेते, उन्हें हराना बेहद ही आसान होता है। क्योंकि क्रोध मनुष्य के सोचने-समझने की शक्ति को पूरी तरह से कम कर देता है इसलिए अपने दिमाग को ठंडा रखना बेहद ही जरूरी माना जाता है।