बिहार में सरकार बदलते ही बीजेपी और जदयू एक-दूसरे पर हमलावर हैं। दोनों ही पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर तंज कस रहे हैं। इसी के चलते उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार(14 अगस्त, 2022) को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आप तो अछूत थे, हमने सहारा दिया था।

दरअसल, सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि ‘जदयू का राजद में होगा विलय या पार्टी ही नहीं बचेगी’ इसके जवाब में कुशवाहा ने भी एक लंबा सा चिठ्ठा लिख डाला है। इसमें उन्होंने सुशील मोदी के इस बयान को आपत्तिजनक और अपमानजनक बताया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता लगातार ये बोल रहे हैं कि उन्होंने हमारी पार्टी और नेता पर कृपा की है। केंद्र में मंत्री और मुख्यमंत्री बनाया।

बता दें, बिहार में एनडीए गठबंधन से नीतीश कुमार के अलग होने से नाराज सुशील मोदी और रविशंकर प्रसाद जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने हाल ही में नीतीश कुमार पर तंज कसा था। उन्होंने कहा कि भाजपा ने उन्हें कई बार केंद्रीय मंत्री बनाया और उन्हें मुख्यमंत्री भी बनाया। बीजेपी नेताओं के हमले के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने इतिहास का जिक्र करते हुए दावा किया कि 1995-96 से पहले भाजपा को एक अछूत पार्टी मानी जाती थी।

उपेंद्र कुशवाह ने फेसबुक पर लिखा, ‘अरे भाजपाई भाइयों, जरा याद करो वर्ष 1995-96 के पहले का अपना इतिहास। तब देश में आप एक अछूत पार्टी के रूप में जाने जाते थे। कोई भी दल आप से दोस्ती नहीं करना चाहता था। ठीक उसी दौर में आपके लिए फरिश्ता बन कर आए समता पार्टी के तत्कालीन नेता जॉर्ज फर्नांडिस और नीतीश कुमार, जिन्होंने भाजपा के मुम्बई अधिवेशन में भाग लिया और तब समता पार्टी से गठबंधन की नींव पड़ी। भाजपा अछूत से छूत बनी। तब अगर जॉर्ज – नीतीश की कृपा नहीं हुई रहती न, तो आज कोई अतापता नहीं रहता आपका।

उन्होंने आगे लिखा कि कृतघ्नता की सीमा पार गए, बयानवीरों। जरा सा भी कुछ बचा हो आपके अन्दर तो याद कीजिए 1995-96 के अपने इतिहास को। सत्ताधारी दल पर तंज कसते हुए जदयू नेता ने कहा कि पूरा देश जानता है कि जब भाजपा देश का इतिहास ही बदलने की कोशिश कर रही है, तो अपनी ही पार्टी का इतिहास भूल जाएं तो इसमें क्या बड़ी बात है।

बता दें, पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार में वर्तमान एमएलसी उपेंद्र कुशवाहा कुछ विवाद को लेकर नीतीश कुमार से कुछ समय के लिए अलग हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी नामक अपनी पार्टी की स्थापना की थी। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री के साथ संबंध बेहतर होने के बाद, कुशवाहा ने पिछले साल अपनी पार्टी का जद (यू) में विलय कर दिया था।