उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने सलाह दी है कि अयोध्या के धन्नीपुर गांव में बनायी जा रही मस्जिद का नाम मुगल बादशाह बाबर के नाम पर नहीं बल्कि पैगंबर मुहम्मद के नाम पर रखा जाना चाहिए। बता दें कि बीते साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में जहां बाबरी मस्जिद थी वहां राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया था। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने का भी निर्देश दिया था।
कोर्ट के इस आदेश के बाद ही सरकार ने अयोध्या के धन्नीपुर गांव में मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन आवंटित की है। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मस्जिद निर्माण के लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन का गठन कर उसे मस्जिद निर्माण की जिम्मेदारी सौंप दी है।
अब इस पर उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ और हज मंत्री मोहसिन रजा ने रविवार को एक वीडियो संदेश में कहा कि “हम, सरकार ने, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सुन्नी वक्फ बोर्ड को जमीन दे दी है। हालांकि मैं कहना चाहता हूं कि हम यह स्वीकार नहीं करेंगे कि किसी भी चीज का नाम अयोध्या में या पूरे देश में कहीं भी बाबर के नाम पर रखा जाए।”
रजा ने कहा “मेरी सलाह है कि जिस तरह से अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है….उसी तरह से मुस्लिम समुदाय ने पैगंबर मुहम्मद साहब के नाम पर कलमा पढ़ा है और उनकी मानवीयता के चलते दूसरे धर्म के लोग भी उनका सम्मान करते हैं। हमारी सलाह है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड मस्जिद का नाम मस्जिद ए मोहम्मद रखे। इससे ना सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में एक बड़ा संदेश जाएगा और सभी को इसे स्वीकार करना चाहिए।”
द इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में मोहसिन रजा ने कहा कि उन्होंने यह सलाह बतौर मुस्लिम दी है ना कि एक मंत्री के तौर पर। रजा के अनुसार, ‘अंतिम फैसला बोर्ड द्वारा लिया जाएगा लेकिन मैंने अपनी सलाह दे दी है।’