उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों पेपर लीक एक बड़ी समस्या बन गया है। पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा तक सीएम योगी (CM Yogi) और उनकी सरकार पर पेपर लीक को लेकर सवाल उठाती रही हैं। ऐसे में पहले योगी सरकार ने पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द की थी और अब आरओ और एआरओ परीक्षा (RO/ARO Exam) भी रद्द कर दी गई है। परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों का आरोप था कि परीक्षा मे पेपर लीक हुआ था, जिसके चलते वे लखनऊ में विरोध भी कर रहे थे। इसके चलते सरकार ने इस एग्जाम को भी अभ्यर्थियों की मांग मान ली गई है।

आरओ और एआरओ परीक्षा कैंसिल करने के साथ ही इस मामले की जांच की जिम्मेदारी यूपी STF को दी गई है। सरकार ने ऐलान किया है कि 6 महीने में दोबारा आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा कराई जाएगी। परीक्षा को रद्द करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी दशा में छोड़ेंगे नहीं।

गौरतलब है कि आरओ-एआरओ परीक्षा निरस्त होने के साथ ही बीते एक महीने में दूसरी भर्ती परीक्षा को यूपी सरकार ने रद्द किया है। दोनों ही भर्तियों में पेपर लीक होने का आरोप लगा था और यह मुद्दा लगातार बड़ा होता जा रहा था और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव यह मुद्दा जोर-शोर से उठा रहे थे।

CM योगी आदित्यनाथ ने किया ऐलान

इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने आरओ-एआरओ परीक्षा आगामी 06 माह में दोबारा कराए जाने का निर्देश भी दे दिएं हैं। सीएम योगी ने निर्देश देते हुए कहा कि इस प्रकार के आपराधिक कृत्य में शामिल व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी वैधानिक और दण्डात्मक कार्यवाही करने हेतु यह प्रकरण राज्य की एसटीएफ को संदर्भित कर दिया जाए।

गौरतलब है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश सिपाही भर्ती परीक्षा को भी रद्द किया गया था। सिपाही भर्ती एग्जाम के बाद पेपर लीक का दावा किया गया था। अभ्यर्थियों ने दावा किया था कि परीक्षा से पहले और परीक्षा के बाद ही उनके मोबाइल में पूरा पेपर था। पेपर के साथ ऑसर भी थे।

इसको लेकर भी पुलिस भर्ती बोर्ड ने छात्रों से साक्ष्य मांगे थे, जिसके बाद सरकार ने सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर भी रद्द कर दिया था। इस केस की जांच भी एसटीएफ ही कर रही थी।