उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ का एक फैसला आजकल चर्चा में है। उन्‍होंने कालिदास मार्ग स्थित मुख्‍यमंत्री आवास की ओर जाने वाली सड़क पर सेल्‍फी लेने पर पाबंदी लगा दी थी। उत्‍तर प्रदेश पुलिस ने सीएम आवास की ओर जाने वाली सड़क के शुरू में ही साइनबोर्ड लगा दिया था, जिसमें सेल्‍फी लेने पर सख्‍त कार्रवाई की चेतावनी दे गई थी। पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव आदित्‍यनाथ के फैसले पर तंज कसना नहीं चूूूूके। हालांकि, सोशल मीडिया पर राज्‍य सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना के बाद साइनबोर्ड को हटा दिया गया है।

मुख्‍यमंत्री के निर्णय पर तंज कसने वालों में उत्‍तर प्रदेश की पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी शामिल थे। उन्‍होंने ट्वीट कर इसे योगी सरकार की ओर से नए साल की सौगात करार दिया। अखिलेश ने लिखा, ‘उत्‍तर प्रदेश की जनता के लिए नए साल का तोहफा…सेल्‍फी लेंगे तो लगेगा यूपीकोका!’ राज्‍य सरकार के फैसले में कार्रवाई के तौर-तरीकों का उल्‍लेख नहीं किया गया था। चौतरफा हमले के बाद मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को यह फैसला वापस लेना पड़ गया।

यूपीकोका के खिलाफ विपक्ष एकजुट: योगी सरकार राज्‍य में बढ़ते अपराध को नियंत्रित करने के लिए उत्‍तर प्रदेश संगठित अपराध नियंत्रण कानून (यूपीकोका) के मसौदे को विधानसभा के पटल पर रखा है। विपक्षी दलों का आरोप है कि इसका इस्‍तेमाल विरोधियों से बदला लेने में किया जाएगा। राज्‍य सरकार की दलील है कि महाराष्‍ट्र के विशेष कानून (मकोका) का अध्‍ययन करने के बाद यूपीकोका लाने का निर्णय लिया गया। सरकार का कहना है कि उत्‍तर प्रदेश में कानून एवं व्‍यवस्‍था की समस्‍या को इससे दूर किया जा सकेगा। पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे लोगों के साथ धोखा करार दिया है। साथ ही कहा कि इससे स्थिति में सुधार नहीं आएगा। बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपीकोका को खत्‍म करने की मांग की है। मालूम हो क‍ि बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने के लिए महाराष्‍ट्र में विशेष कानून मकोका अमल में है। संगठित अपराधों के खिलाफ इसमें सख्‍त प्रावधान किए गए हैं।