यमुना नदी को दिल्ली की जीवन रेखा बनाने और इसको पुनर्जीवित करने को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार ने कवायद तेज कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की अलग-अलग बैठकों के बाद अब यमुना नदी को निर्मल और स्वच्छ बनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय भी सक्रिय हो गया है।
यमुना नदी के पुनर्जीवीकरण मामले को लेकर अब केवल दो मुख्य समितियां ही काम करेंगी बाकी सभी को समाप्त किया जाएगा। यह दोनों समितियां एक, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और दूसरी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में ही गठित की जाएंगी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में अहम बैठक हुई जिसमें केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के आला अधिकारियों के अलावा के दिल्ली के मुख्य सचिव, दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
मुख्य समिति की अध्यक्षता सीएम रेखा गुप्ता करेंगी
बैठक में यमुना की सफाई और उसको पुनर्जीवित करने से जुड़े कई अहम मामलों पर विस्तार से चर्चा की गई। सूत्र बताते हैं कि इस दौरान यमुना नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए दो अलग-अलग मुख्य समितियां गठित करने का निर्णय विशेष रूप से लिया गया। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में गठित की जाने वाली मुख्य समिति, उच्च स्तरीय समिति होगी।
दिल्ली सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों की सूरत बदलने और उनको साफ स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त बनाने को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) को तेजी अपनाने का निर्णय लिया है। नरेला-बवाना में पीपीपी माडल की सफलता के बाद अब भोरगढ़ और बाकी 10 अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी इसके जरिए विकास किया जाएगा।
उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि दिल्ली सरकार ने भोरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र (बवाना फेज-2) के पुनर्विकास और प्रबंधन को लेकर एक रियायतग्राही (कंसेशनेयर) नियुक्त करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही 9 अन्य औद्योगिक क्षेत्रों के लिए परियोजना प्रबंधन ईकाई (पीएमयू) भी नियुक्त की जाएंगी जो प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) तैयार कर रियायतग्राही (कंसेशनेयर) को जोड़ेगा। मंत्री ने बताया कि रियायतग्राही की जिम्मेदारी केवल निर्माण तक सीमित नहीं होगी, बल्कि सड़क, ड्रेनेज, स्ट्रीट लाइटिंग, पार्क, कचरा प्रबंधन, सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण जैसे सभी पहलुओं पर काम किया जाएगा।