दिल्ली में नई सरकार के सत्ता संभालने के बाद यमुना नदी की सफाई को लेकर कवायद तेज हो गई है। दिल्ली सरकार ने यमुना को साफ-स्वच्छ और निर्मल बनाने की दिशा में बड़ी योजना तैयार की है। इसको लेकर राजधानी के अलग-अलग इलाकों में 40 केंद्रीयकृत अवजल शोधन संयंत्र (डीएसटीपी) स्थापित किए जाएंगे, जिससे यमुना में जाने वाले सीवरेज को बिना उपचारित गिरने से रोका जा सकेगा। इस पूरी परियोजना पर केंद्र और दिल्ली सरकार मिलकर 2582 करोड रुपए खर्च करेंगे।

पूरी परियोजना पर दिल्ली जल बोर्ड काम करेगा

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, यमुना की सफाई से जुड़ी इस परियोजना पर केंद्र सरकार, अमृत योजना के तहत राशि खर्च करेगी। इस पूरी परियोजना पर दिल्ली जल बोर्ड काम करेगा। इस परियोजना के तहत 40 केंद्रीयकृत सीवेज उपचार संयंत्रों को स्थापित करने का काम दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार मिलकर करेंगे। इनमें से 13 डीएसटीपी के लिए केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत वित्त पोषित (फंडिंग) की जाएगी।

बाकी सभी 27 डीएसटीपी के लिए दिल्ली सरकार राशि देगी। यमुना सफाई योजना के लिए स्थापित होने वाले इन डीएसटीपी/एसटीपी को धनराशि मुहैया कराने को लेकर हाल ही में वित्त विभाग के व्यय अनुभाग की अहम बैठक हुई। बैठक में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एसी वर्मा, वित्त सचिव निहारिका राय, दिल्ली जल बोर्ड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिल्पा शिंदे, दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य अभियंता नोडल (ड्रेनेज) अजय गुप्ता प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

बैठक में यमुना नदी को साफ स्वच्छ बनाने को लेकर कई बड़े निर्णय लिए गए। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि दिल्ली जल बोर्ड के सदस्य (ड्रेनेज) ने यह भी अवगत कराया कि यमुना सफाई की योजना के अनुसार, 40 डीएसटीपी स्थापित करने के अलावा मध्य दिल्ली क्षेत्र के दिल्ली गेट पर एक सीवेज उपचार संयत्र (एसटीपी) स्थापित किया जाएगा। बैठक में यह भी साफ कर दिया गया है कि सभी डीएसटीपी/एसटीपी के लिए भूमि तलाशने की अड़चन भी दूर हो गई है। इनको स्थापित करने के लिए जमीन का प्रबंध कर लिया गया है। इस पूरी परियोजना पर दिल्ली सरकार कुल 2582 करोड़ रुपए की राशि खर्च करेगी।

परियोजना को दिसंबर 2026 तक कर लिया जाएगा पूरा

इस पूरे मामले पर दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य अभियंता नोडल (ड्रेनेज) अजय गुप्ता ने बताया कि नए डीएसटीपी/एसटीपी स्थापित करने की परियोजना को दिसंबर, 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है और इस पर आने वाले खर्च को दिल्ली जल बोर्ड ही वहन करेगा। इसमें केंद्र सरकार की तरफ से अमृत योजना के अंतर्गत भी 13 डीएसटीपी के लिए फंड जारी किया जाएगा। इस परियोजना को लेकर तेजी से काम किया जा रहा है। 40 केंद्रीयकृत सीवेज उपचार संयंत्रों के लिए 38 डीएसटीपी के लिए जमीन मिल गई है और बाकी दो डीएसटीपी के लिए अभी प्रबंधन किया जा रहा है।