जम्मू-कश्मीर में प्रवासी नागरिकों पर लगातार हो रहे हमलों से प्रवासी नागरिक चिंता में है और पलायन करने को मजबूर हैं। पिछले 20 दिनों में कश्मीर में 7 प्रवासी कामगारों को गोली मारकर घायल कर दिया गया है और सभी हमले पुलवामा के दक्षिणी जिले में हो रहे हैं। अधिकारियों ने संदिग्धों को खोजने में प्रगति की है लेकिन बहुत कम की है। भय और अनिश्चितता के बीच कई प्रवासी श्रमिक या तो अपने गृह नगर या घाटी के अन्य हिस्सों के लिए रवाना हो गए हैं।
यह हमले पांच महीने बाद फिर शुरू हुए जब आतंकवादियों ने गैर-स्थानीय लोगों पर इसी तरह के हमले को अक्टूबर में अंजाम दिया था जिसमें पांच लोग मारे गए थे। हाल ही में शुरू हुई गोलीबारी में पहला हमला 19 मार्च को हुआ था जब संदिग्ध आतंकवादियों ने उत्तर प्रदेश के मोहम्मद अकरम नाम के कारपेंटर को गोली मार दी थी। आखिरी बार 7 अप्रैल को पंजाब के पठानकोट के एक मजदूर सोनू शर्मा पर पुलवामा के यादेर गांव में हमला किया गया था।
21 मार्च को बिहार के एक मजदूर बिस्वजीत कुमार गोली लगने के कारण घायल हो गए थे, जबकि 3 अप्रैल को पठानकोट के एक ड्राइवर और कंडक्टर सुरिंदर और धीरज दत्त को संदिग्ध आतंकवादियों ने गोली मार दी थी। 4 अप्रैल को बिहार के दो मजदूर पातालश्वर कुमार और जक्कू चौधरी पर आतंकवादियों द्वारा हमला किया गया था।
पंजाब के गुरदासपुर के एक कारपेंटर टिंकू सिंह कोई चांस नहीं लेना चाहते। श्रीनगर के लिए रवाना होने से पहले वह सिर्फ पांच दिनों के लिए पुलवामा में थे। टिंकू सिंह ने कहा कि, “श्रीनगर आने से पहले पुलवामा में उनके पास काम के लिए कई कांटेक्ट थे। लेकिन श्रीनगर में उन्हें फिर से शून्य से शुरू करना होगा। बहुत डर है क्योंकि आप नहीं जानते कि कौन आपको और कब मारेगा। बिना किसी डर के जीना और कमाना बेहतर है।”
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि, “वर्तमान में पुलवामा में लगभग 6,000-6,500 प्रवासी श्रमिक होंगे। यह काम के मौसम की शुरुआत है लेकिन फिर भी संख्या बहुत कम है। एक सामान्य मौसम में यहां इस समय लगभग 20,000-30,000 प्रवासी श्रमिक रहते हैं।” लगभग 3 लाख प्रवासी कामगार (ज्यादातर बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब और झारखंड से) काम के लिए हर साल कश्मीर आते हैं। बिहार के कई लोग कश्मीर को ‘भारत का दुबई’ कहते हैं, क्योंकि घाटी में दैनिक मजदूरी ( बिहार की तुलना में अधिक मिलता है। घाटी में 500 से 700 रुपए दैनिक मजदूरी मिलती है जबकि बिहार में करीब 200 रुपए मिलती है।