UP News: समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को मंगलवार को महाराजगंज जेल से रिहा कर दिया गया, जहां वह कई मामलों के सिलसिले में पिछले 34 महीनों से बंद थे। उनकी मां खुर्शीदा बेगम और विधायक पत्नी नसीम सोलंकी ने अपने बच्चों के साथ इरफान का स्वागत किया। रिहाई के बाद इरफान सोलंकी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “स्वागत नहीं करोगे हमारा ..!”
इरफान सोलंकी ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव का आभार जताया। उन्होंने कहा कि सपा चीफ ने हमेशा मेरे परिवार का साथ दिया है। इरफान सोलंकी ने आगे कहा कि जेल से बाहर आकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। उनके वकील शिवा कांत दीक्षित ने कहा, “इरफान सोलंकी के खिलाफ अभी भी सात मामले लंबित हैं और सभी में जमानत मिलने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया है।”
इरफान सोलंकी की चली गई थी विधायकी
कानपुर के सीसामऊ से चार बार विधायक रहे सोलंकी को पिछले साल 2022 के जमीन हड़पने के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था। उनकी पत्नी नसीम सोलंकी ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर उपचुनाव लड़ा और जीत हासिल की। सरकारी वकील भास्कर मिश्रा ने कहा कि सोलंकी को जिस आखिरी मामले में जमानत मिली थी, वह यूपी गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज किया गया था।
क्या था मामला?
नवंबर 2022 में इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी और अन्य पर कानपुर पुलिस ने एक महिला को कथित तौर पर परेशान करने और कानपुर के पॉश डिफेंस कॉलोनी इलाके में उसकी जमीन हड़पने के लिए उसके घर में आग लगाने का मामला दर्ज किया था। सोलंकी और उनके भाई रिजवान ने बाद में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था। पिछले साल जून में कानपुर की एक अदालत ने इरफान सोलंकी, उसके भाई रिजवान और तीन अन्य को आगजनी और जमीन हड़पने के मामले में सात साल कैद की सजा सुनाई थी। यह एकमात्र ऐसा मामला है जिसमें इरफन सोलंकी को दोषी ठहराया गया था। सोलंकी के वकील ने बताया कि सोलंकी ने उस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की है।
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