चौतरफा हंगामे और विरोध प्रदर्शनों के बाद आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तीन महीने बाद जाकर महिलाएं सबरीमाला मंदिर में प्रवेश कर पाईं। बुधवार तड़के 42 वर्षीय कनकदुर्गा और 44 वर्षीय बिंदु ने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश किया। दर्शन के बाद इंडिया टुडे से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन दोनों ने लाखों महिला श्रद्धालुओं का प्रतिनिधित्व किया और लैंगिक इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ती रहेंगी। उल्लेखनीय है कि पहले सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष तक की उम्र वाली महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध था।

‘आश्वस्त हैं हमने लोगों को आहत नहीं किया’: मंदिर जाने वाली बिंदु ने कहा, ‘राजनीतिक एजेंडे वाले लोग ही महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे हैं। दूसरे लोगों ने उनका विरोध नहीं किया। हमने कानूनी रास्ता अपनाया।’ वहीं कनकदुर्गा ने कहा कि उन दोनों को वापस घर जाने में डर नहीं लगा। हमने महिला के रूप में अपने कानूनी अधिकार का अनुसरण किया। हम सौ फीसदी आश्वस्त हैं कि हमने लोगों को आहत नहीं किया।’

बिंदु ने भाजपा पर लगाया विरोध का आरोपः बिंदु ने कहा, ‘भाजपा नेताओं ने हमारे खिलाफ छोटे-मोटे प्रदर्शन किए थे।’ उल्लेखनीय है कि केरल में विपक्ष के दलों भाजपा और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अमल में लाने की राज्य सरकार की कोशिशों का विरोध किया था। राज्य में वामपंथी सरकार सत्ता पर काबिज है। उल्लेखनीय है कि इस मसले को लेकर केरल से दिल्ली तक तीन महीनों से भी ज्यादा समय से हंगामा हो रहा है। कई संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया था।