यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का सख्त निर्देश है कि किसी भी गरीब को अनावश्यक परेशान न किया जाए और न ही उनका घर तोड़ा जाए, लेकिन कानपुर देहात जिले के भोगनीपुर तहसील मुसानगर सुरजापुर गांव के पास वर्षों से झोपड़ी डालकर रह रहे कुछ लोगों के ठिकाने को बुलडोजर ने तोड़ दिया। ये लोग मूलत: मजदूरी करके परिवार चलाते हैं। इस मामले में तहसील प्रशासन का कहना है कि मकान अवैध रूप से कब्जा करके बनवाया गया था, साथ ही तोड़ने से पहले लेखपाल ने मौखिक और लिखित सूचना दी थी। ये लोग खुद ही नोटिस मिलने की बात छिपाते हैं।
हाल ही में परिवार के सदस्य मजदूरी करने गए थे और परिवार की बुजुर्ग महिला रूबी सब्जी लेने बाजार गई थी, तभी बुलडोजर आया और उसका मकान गिरा दिया। घर वाले जब लौटकर आए तो सब कुछ जमींदोज हो चुका था। महिला का आरोप है कि उसके बेटे संतोष कुमार ने हाल ही में उसके लिए एक छोटा सा घर यहां बनवाया था। बेटे का कहना है कि उसके पिताजी यहां करीब 45 वर्षों से रह रहे थे। तीस वर्ष से वह स्वयं यहां रह रहा है। इसके बावजूद तहसील वालों ने उसके मकान को गिरा दिया।
महिला का आरोप है कि उसको न तो कोई सूचना दी गई और न ही किसी ने ऐसा कुछ किए जाने के बारे में बताया। अब उनके छोटे-छोटे बच्चे कहां रहेंगे। परिजनों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि उनके रहने की कोई व्यवस्था करें।
भोगनीपुर के एसडीएम अजय कुमार का कहना है कि “मकान गिराए जाने से पहले सभी को लिखित और मौखिक सूचना दी गई थी। कई बार परिवार वाले अपने को निर्दोष साबित करने के लिए जानबूझकर नोटिस नहीं लेते हैं और खुद ही मौके से गायब हो जाते हैं।” उन्होंने कहा कि तालाब, बंजर जमीन, सार्वजनिक स्थलों आदि पर जो भी अवैध कब्जे हैं, उनके खिलाफ एंटी इंक्रोचमेंट मिशन के तहत कार्रवाई हो रही है। कोई भी मकान या कब्जा अवैध रूप से नहीं ढहाया गया है।
एसडीएम का कहना है कि अगर किसी को लगता है कि उनका मकान गलत ढंग से गिराया गया है तो वह कोर्ट में अर्जी दे सकता है। कोर्ट जाकर खुद को सही साबित करें और अफसरों के खिलाफ शिकायत करें।