Bihar News: बिहार में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले दिल्ली में महागठबंधन में शामिल कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के बड़े नेताओं की अहम मीटिंग हुई। इस मीटिंग में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मौजूद रहे। वहीं आरजेडी की तरफ से तेजस्वी यादव और मनोज झा पहुंचे थे। मीटिंग खत्म होने के बाद तेजस्वी यादव ने मुझे नहीं पता कि आप सभी सीएम चेहरे को लेकर क्यों चिंतित हैं, हम तय करेंगे। यह तय है कि बिहार में एनडीए की सरकार नहीं बनेगी।
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘हमने बैठक की और सकारात्मक चर्चा हुई। हम 17 अप्रैल को पटना में फिर मिलेंगे। हम पूरी तरह तैयार हैं और हम बिहार को आगे ले जाना चाहते हैं। राज्य में एनडीए सरकार के 20 साल बाद भी बिहार सबसे गरीब राज्य है। यहां प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है, किसानों की आय सबसे कम है, पलायन सबसे ज्यादा है। हम सभी मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। हम विपक्ष में हैं, सरकार की सीमाओं को जनता के सामने उजागर करना हमारी जिम्मेदारी है। मुझे नहीं पता कि आप सभी सीएम चेहरे को लेकर क्यों चिंतित हैं, हम तय करेंगे। नीतीश कुमार तो हाईजैक हो चुके हैं। यह तय है कि बिहार में एनडीए की सरकार नहीं बनेगी।’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीटिंग के बाद क्या कहा?
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘इस बार, बिहार में बदलाव निश्चित है। आज हमने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात कर, महागठबंधन की मजबूती पर चर्चा की। आने वाले चुनाव में बिहार की जनता को हम एक सशक्त, सकारात्मक, न्यायप्रिय व कल्याणकारी विकल्प देंगे। भाजपा और उसके अवसरवादी ठगबंधन से बिहार को मुक्ति मिलेगी। युवा, किसान-मजदूर, महिलाएं, समाज के पिछड़े, अति पिछड़े व अन्य सभी वर्ग के लोग महागठबंधन की सरकार चाहते हैं।
बिहार में विपक्ष लिख रहा नई चुनावी स्क्रिप्ट?
बिहार में दिलचस्प मुकाबला होने की उम्मीद
बिहार में एक बहुत ही दिलचस्प मुकाबला होने की उम्मीद है। इसमें एक तरफ तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) शामिल है। इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और वामपंथी दल हैं। बता दें कि 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे केवल चार सीटों पर जीत मिली थी और उसका वोट प्रतिशत 8 प्रतिशत से थोड़ा ज्यादा था।
2015 में क्या रहे थे नतीजे?
2015 के विधानसभा चुनाव में जब नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ लिया था और उनकी पार्टी जेडीयू ने आरजेडी-कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया था, तब कांग्रेस ने 41 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 27 सीटें जीती थीं और उसका वोट शेयर करीब 6.7 फीसदी था। 2020 के विधानसभा चुनाव में जब नीतीश कुमार एनडीए में वापस आए, तब कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 19 सीटें जीती थीं और उसका वोट शेयर करीब 9 फीसदी था। किस जाति समूह पर है कांग्रेस का फोकस?