Bihar Vidhansabha Chunav 2025 Date: बिहार चुनाव को लेकर शनिवार को पटना में चुनाव आयोग की एक अहम बैठक हुई थी। इस बैठक में तमाम राजनीतिक पार्टियां कम चरणों में चुनाव के लिए राजी थीं। एनडीए ने मांग की कि इस चुनाव को सिर्फ एक चरण में ही संपन्न किया जाए, वहीं विपक्ष ने कहा कि दो चरणों में चुनाव करवाना ज्यादा सही रहेगा। बड़ी बात यह रही कि सभी पार्टियों ने छठ के बाद चुनाव करवाने को लेकर एक मत दिखाई दिया।

चुनाव आयोग की बैठक में क्या बात हुई?

जानकारी के लिए बता दें, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में तीन चरणों में चुनाव हुआ था, लेकिन इस बार चुनाव आयोग पहले ही कह चुका है कि कम चरणों में चुनाव करवाने की कोशिश होगी। इसी कड़ी में, बिहार दौरे के दूसरे दिन, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी ने 12 राजनीतिक दलों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। बताया जा रहा है कि रविवार को चुनाव आयोग द्वारा दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जा सकती है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले हफ्ते के शुरुआती दिनों में ही बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है।

एक जारी बयान में चुनाव आयोग ने कहा है कि पार्टियों ने मांग की है कि बिहार में चुनाव छठ के बाद होना चाहिए, जिससे वोट प्रतिशत बढ़ सके। पार्टियां यह भी चाहती हैं कि इस बार चुनाव कम चरणों में संपन्न करवाए जाएं। सभी दलों ने चुनाव आयोग को इस बात के लिए धन्यवाद भी दिया कि उन्होंने पोलिंग स्टेशनों पर अधिकतम 1200 वोटों का मानक रखा है।

बैठक के दौरान महागठबंधन, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और सीपीआई (एमएल) शामिल हैं, ने दो चरणों में चुनाव करवाने की बात की। इसके अलावा, यह मांग भी रखी गई कि चुनाव आयोग उन 3.66 लाख लोगों का नाम जारी करे, जिन्हें वोटर लिस्ट से हटाया गया है। उनके हटाए जाने के कारण भी स्पष्ट किए जाने की अपील की गई।

राजद ने क्या मांग की है?

बैठक के बाद इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा, “हमारी तरफ से दो चरणों में चुनाव करवाने की मांग की गई है। हमने इस बात पर भी चिंता जताई है कि एसएआर को लेकर चुनाव आयोग पूरी तरह से पारदर्शी नहीं है और अभी तक वोटर लिस्ट से हटाए गए नामों का स्पष्ट कारण नहीं मिला है। हम चुनाव आयोग से अपील करते हैं कि वह तुरंत इलेक्टोरल फोटो आईडेंटिटी कार्ड नए वोटरों के लिए जारी करें।” उन्होंने यह भी कहा, “नीतीश कुमार द्वारा लगातार चुनाव से ठीक पहले कई घोषणाएं की जा रही हैं, और कुछ अधिकारियों का बिना कारण ट्रांसफर किया जा रहा है।”

बैठक में कांग्रेस के चार सदस्यों ने भी हिस्सा लिया था, जिनका नेतृत्व बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार कर रहे थे। मीटिंग के बाद, इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक, चुनाव आयोग को हर बूथ की जानकारी देनी होगी कि कितने वोटरों को हटाया गया और कितने वोटरों को जोड़ा गया। चुनाव आयोग को उन बूथों की भी पहचान करनी चाहिए, जहां पर सबसे ज्यादा वोटर डिलीट हुए हैं, और यह भी देखना चाहिए कि कहीं महिलाओं और शोषित वर्ग के वोटरों को तो नहीं हटाया गया है।” इसके अलावा, कांग्रेस ने यह भी मांग की है कि वोट प्रतिशत समय-समय पर अपडेट किया जाना चाहिए, और इसमें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल होना चाहिए, जिससे बिना किसी कारण के या अचानक से वोटिंग प्रतिशत में इजाफा न दिखाई दे।

एनडीए की तरफ से, जनता दल और बीजेपी ने भी एक ही चरण में चुनाव करवाने की बात की। जनता दल ने तो यह अपील की है कि पार्लियामेंट्री फोर्सेज को सभी बूथों पर तैनात किया जाए।

चुनाव आयोग की आज फिर बैठक

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से मिलने के बाद एक और अहम मीटिंग की, जिसमें राज्य स्तर के पुलिस अधिकारियों और प्रशासन के लोगों को स्पष्ट कर दिया गया कि चुनाव से जुड़ी सभी शिकायतों पर निष्पक्ष तरीके से जांच जरूरी है। इसके अलावा, सभी पुलिस अधिकारियों से अपील की गई है कि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को मॉनिटर करें और फेक न्यूज़ को फैलने से रोकें। इसी कड़ी में, रविवार को भी चुनाव आयोग सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स, बिहार के सीनियर अधिकारियों और चीफ सेक्रेटरी और डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के साथ एक बैठक करने जा रहे हैं।

ये भी पढ़ें- 2020 में कम और ज्यादा अंतर से जीतने वाले मंत्री कौन थे?