ओडिशा में जंगली हाथियों ने तीन और लोगों को रौंदकर मार डाला। ओडिशा के तीन गांवों में शुक्रवार रात और शनिवार सुबह जंगली हाथियों ने दहशत फैला दी, जिसमें 7 साल के बच्चे समेत तीन लोगों की मौत हो गई। इस घटना में एक अन्य के घायल होने की भी खबर मिली है। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जंगली हाथियों की वजह से अब तक यहां मरने वालों का आंकड़ा 85 तक पहुंच गया है। इससे पहले 2017-18 में हाथियों के हमलों में 84 लोग मारे गए थे। इस घटना से गुस्साए गांव के लोगों ने मुआवजे की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग-55 पर जाम लगा दिया था।

पहला मामलाः ओडिशा के ढेंकनाल जिले का है। यहां पर 65 वर्षीय एक बुजुर्ग आदमी को हाथी ने रौंद दिया। वन अधिकारी सुदर्शन मिश्रा ने बताया कि तालाब में नहाने के लिए जा रहे मृतक दयानिधि साहू पर रास्ते में एक हाथी ने हमला कर दिया था जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

दूसरा मामलाः अंगुल जिले के देवलाबेड़ा इलाके में 80 वर्षीय केदारनाथ प्रसाद एक दुकान पर जा रहे थे। रास्ते में उन पर एक हाथी ने हमला बोल दिया जिससे उनकी भी मौके पर ही मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि 28 फरवरी को महाबिरोद जंगल क्षेत्र में दो हाथी घूमते हुए पाए गए थे। इन्ही में से एक ने केदारनाथ पर हमला किया था।

तीसरा मामलाः एक घटना सुंदरगढ़ जिले के बैराघाट गांव में हुई। यहां सात वर्ष के एक लड़के की शुक्रवार को एक दीवार गिरने से मौत हो गई। दरअसल जंगल के रास्ते गांव में घुसे हाथी ने धान खाने के लिए लड़के के घर में घुसने की कोशिश की थी। जिससे दीवार का एक हिस्सा उस बच्चे पर गिर गया जो सो रहा था। बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने शनिवार सुबह उसे मृत घोषित कर दिया।

 

पिछले साल की तुलना में घायलों की संख्या बढ़ीः वन अधिकारियों ने कहा कि राज्य में बढ़ते मानव-हाथी संघर्ष में पिछले 120 साल की तुलना में इस साल 159 बार आमना-सामना हुआ है। यहीं नहीं इसी तरह घायल मनुष्यों की संख्या इस साल पिछले साल की तुलना में 54 से बढ़कर 101 हो गई है। अधिकारियों के मुताबिक मानव-हाथी संघर्ष का मुख्य कारण जंगल में इंसानों के दबाव का बढ़ना है। जंगल के इलाकों पर इंसानों का अतिक्रमण जंगली जानवरों को मानव बस्तियों की ओर जाने के लिए मजबूर कर रहा है। ओडिशा राज्य के वन्यजीव प्रमुख रंजीत पटनायक ने कहा कि ओडिशा के कई हिस्सों में मानवीय आबादी के बढ़ने से लोगों और हाथियों के बीच जगह और भोजन के लिए संघर्ष हो रहा है।

पटनायक ने कहा कि 2011-12 से  2017-18 के बीच हाथी के हमलों के कारण ओडिशा में कुल 570 लोग मारे गए। वहीं इस दौरान 618 हाथियों की भी मौत हो गई। इसके साथ ही 7,984 घर और 11,500 एकड़ खड़ी फसल नष्ट हो गई। पूर्व मुख्य वन्यजीव प्रमुख बीके पटनायक ने कहा कि बढ़ते तापमान के साथ इस महीने स्थिति खराब होने की आशंका है।