उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में निवेश करने की इच्छा रखने वाले उद्योगपतियों लिए रास्ता बेहद आसान बनाने का प्रयास किया है। राज्य सरकार ने IIT और IIM सहित देश और विदेश के शीर्ष संस्थानों से ग्रेजुएट्स को चुना है जो निवेशकों और विभिन्न सरकारी विभागों के बीच एक कड़ी के रूप में काम करेंगे। अधिकारियों के मुताबिक इन्हें “उद्यमी मित्र” का नाम दिया गया है और इनकी तैनाती अगले महीने से राज्य के प्रत्येक जिले के साथ-साथ मुख्यालय में की जाएगी।

उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सरकार ने ऐसे 105 पेशेवरों को काम पर रखने की प्रक्रिया पूरी कर ली है और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ 26 मई को उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपने वाले हैं।

उद्यमी मित्रों का काम क्या रहेगा?

उद्यमी मित्र का प्राथमिक काम उद्योगपतियों को राज्य में निवेश के लिए मंजूरी दिलवाने में मदद करना, उनकी इकाई स्थापित करने की प्रक्रिया को तेज करना और उन्हें प्रस्ताव पर सरकारी प्रोत्साहन के बारे में सूचित करना होगा। सूत्रों ने कहा कि मंजूरी में तेजी लाने के लिए नोडल अधिकारियों के साथ बड़ी परियोजनाओं के लिए अलग-अलग उद्यमी मित्र नियुक्त किए जाने की संभावना है।

इनग्रेजुएट्स को हायर करने का मकसद इस साल की शुरुआत में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान मिले 35,000 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को तेजी से लागू करना है। अधिकारियों ने कहा कि वे जिला स्तर पर उत्तर प्रदेश निवेश पहल का चेहरा बनेंगे।

कौन करता सकता है अप्लाई

नौकरी के लिए आवेदन करने के मानदंड में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ एमबीए की डिग्री के साथ-साथ हिंदी और अंग्रेजी दोनों में तेज़ होना होना शामिल त और उम्र न्यूनतम 25 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष रखी गयी थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें 105 पदों के लिए लगभग 1,387 आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से 709 उम्मीदवार कंप्यूटर क्षमता परीक्षण के लिए उपस्थित हुए। परीक्षण और इंटरव्यू के बाद अंतिम चयन किया गया जिसमें 87 पुरुष उम्मीदवार और 18 महिला उम्मीदवार चुने गए हैं।

एक अन्य अधिकारी ने कहा, “चुने हुए उम्मीदवार आईआईएम-लखनऊ, आईआईएम-इंदौर, आईआईआईटी-इलाहाबाद, आईआईटी-ग्वालियर, बीएचयू, बीआईटी मेसरा, नरसी मोनजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, आईएमटी-नागपुर और और कुछ विदेशी विश्वविद्यालयों से भी चुने गए हैं।

इन 105 उम्मीदवारों में से 70 को जिला स्तर पर, 25 को राज्य मुख्यालय पर, जबकि अन्य 10 को सभी स्तरों पर उद्योगपतियों की सुविधा के लिए इन्वेस्ट यूपी कार्यालय में तैनात किया जाएगा।