हाल ही में दिल्ली में डेंगू से हुई साल 2023 में 19 मौतों का मामला प्रकाश में आया है। जिसके बाद दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) पर सवालिया निशान उठने शुरू हो गए हैं कि आखिर इतने महीनों तक इन आंकड़ों को एमसीडी क्यों छिपाती रही है।
मालूम हो कि अगस्त 2023 के बाद एमसीडी ने अपनी साप्ताहिक मच्छरजनित बीमारियों के आंकड़ों वाली रिपोर्ट को भी जारी नहीं किया है। जिसे लेकर लगातार विपक्ष में बैठी भाजपा ने सवाल उठाए हैं। वहीं सूत्रों की मानें तो साल 2023 में डेंगू मामलों ने बीते 15 सालों के रिकार्ड को तोड़ दिया है।एक साल में कुल 9266 डेंगू के मामले प्रकाश में आए हैं, जिनमें से 19 लोगों को डेंगू के दंश के चलते मौत मिली है।
इससे पहले साल 2015 में सर्वाधिक 15867 डेंगू के मामले सामने आए थे और डेंगू से 60 मौतें हुईं थीं। लेकिन बीते कई सालों से डेंगू मामलों में सुधार आया। साल 2022 में कुल 4469 मामले सामने आए थे। बता दें कि मच्छरजनित रोगों की रिपोर्ट जारी करना एमसीडी का रुटीन काम है जिसे अगस्त माह के मध्य सप्ताह से ही नगर निकाय द्वारा अनदेखा किया जा रहा है।
वहीं इस बाबत एमसीडी में नेता पक्ष मुकेश गोयल से पूछा तो उन्होंने कहा कि जी 20 के मद्देनजर एमसीडी ने मच्छरजनित रिपोर्ट को जारी नहीं किया था। लेकिन हम लोग लगातार अधिकारियों से इसे जारी करने के लिए कह रहे हैं ताकि वास्तविक स्थितियों का सटीक प्रमाण मिल सके। अभी भी हमने अधिकारियों से इस मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रभावी कार्य करने व रिपोर्ट जारी करने को कहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब आप शासित निगम खुद आंकड़ों को सार्वजनिक करना चाहती है तो आखिर इसे एमसीडी अधिकारियों द्वारा क्यों रोका जा रहा है।
