Punjab Rajya Sabha Bypoll: सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने रविवार को उद्योगपति राजिंदर गुप्ता को 24 अक्टूबर को होने वाले राज्यसभा उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया। राजिंदर गुप्ता को उम्मीदवार घोषित करके आप ने अफवाहों और असहमति को एक साथ दबाने की कोशिश की है। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब पार्टी का ध्यान मुख्य रूप से 2027 में पंजाब में फिर से बहुमत हासिल करने पर है। फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी से हारने के बाद पंजाब अकेला ऐसा राज्य है, जहां पर आम आदमी पार्टी की सरकार है। गुजरात, गोवा और जम्मू -कश्मीर में भी इसके विधायक हैं।
संजीव अरोड़ा के इस्तीफ के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि पार्टी वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को राज्यसभा भेज सकती है। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “पार्टी में उम्मीदवार के चयन को लेकर काफी चर्चाएं हुईं, लेकिन अरोड़ा जी के इस्तीफे के बाद शुरुआती कुछ हफ्तों में ही यह साफ कर दिया गया था कि किसी बाहरी व्यक्ति को उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा। अरविंद जी या मनीष जी को उम्मीदवार बनाने से गलत संदेश जाएगा। इससे ऐसा लगेगा कि उन्हें सिर्फ पद पर बने रहने में ही रुचि है, चाहे पद कोई भी हो। यह स्पष्ट था कि पंजाब से जुड़े किसी व्यक्ति को ही चुना जाएगा।”
आप को पंजाब से मिली सात राज्यसभा सीटें
उन्होंने आगे कहा कि उद्योगपति गुप्ता को चुनकर पार्टी यह संदेश भी देने में कामयाब रही है कि दिल्ली के नहीं, बल्कि पंजाब के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। आम आदमी पार्टी को पंजाब से सात राज्यसभा सीटें मिली हैं। इनमें से पांच पंजाब के नेताओं और प्रमुख हस्तियों को दी गई हैं। इनमें इंडिया टीम के पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह, बलबीर सिंह सीचेवाल और लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के संस्थापक अशोक मित्तल का नाम शामिल है।
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वहीं दिल्ली के दो नेताओं को भी राज्यसभा भेजा गया है। इनमें राघव चड्ढा और संदीप पाठक का नाम शामिल है। एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा, “चूंकि मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल सहित पार्टी का ज्यादातर नेतृत्व पंजाब में समय बिता रहा है, इसलिए ऐसा लग रहा है कि राज्य की सरकार दिल्ली के नेता चला रहे हैं। इस कदम से स्थिति थोड़ी सुधरने की उम्मीद है।”
आप ने हमेशा पंजाब में जाने-माने चेहरों को चुनने की कोशिश की
नेता ने आगे कहा, “पंजाब में साल 2027 में चुनाव होने हैं। इसलिए यह भी जरूरी था कि राज्य के लोगों को यह भरोसा दिलाया जाए कि आप उन्हें सत्ता के एक जरिया के रूप में नहीं, बल्कि भागीदार के रूप में देखती है। गुप्ता के व्यक्तित्व की बात करें तो आप ने हमेशा पंजाब में प्रमुख और जाने-माने चेहरों को चुनने की कोशिश की है। वह शासन के मामले में कोई अजनबी नहीं हैं क्योंकि वह कई अहम सरकारी समितियों और निकायों का हिस्सा रहे हैं।”