Who is Mukesh Sahni: मुकेश सहनी VIP (Vikassheel Insaan Party) पार्टी के मुखिया हैं। वो बीते करीब एक दशक से बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं। मुकेश सहनी खुद को सन ऑफ मल्लाह बताते हैं। वे बिहार में निषाद जाति के लिए आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे हैं। वे लगातार निषादों को मध्य में रखकर बिहार में अपनी पार्टी को पहचान दिलाने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन अंतिम समय में सहयोगी उन्हें झटका दे जाते हैं।
2018 से राजनीति में सक्रिय हैं मुकेश सहनी
सहनी वैसे तो 2018 से सक्रिय राजनीति में हैं, लेकिन इतने सालों में एक बार राज्य सरकार में मंत्री बनने के सिवा उन्हें राजनीति में कुछ खास सफलता मिल नहीं पाई है। बिहार की राजनीति में मुकेश सहनी और उनकी पार्टी VIP की राह कई स्थानीय पार्टियों की तरह ही रही है। सूबे में सहनी सबका साथ निभा चुके हैं। मसलन, भाजपा के साथ राजनीति में कदम रखने वाले मुकेश सहनी जनता दल-यूनाइटेड (JDU), लोकशक्ति पार्टी (LJP) के साथ कदमताल कर चुके हैं। मतलब NDA और महागठबंधन ( पहले UPA) में उनका आना-जाना लगा रहा है।
2015 में बीजेपी के लिए किया था जमकर प्रचार
सहनी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए जमकर प्रचार किया था। इसी साल लालू-नीतीश ने मिलकर चुनावी ताल ठोकी थी और भाजपा को हार झेलनी पड़ी थी। इसके बाद BJP आहिस्ता-आहिस्ता सहनी से किनारा करती चली गई। बाद में मुकेश सहनी ने महागठबंधन का दामन थाम लिया था। कुछ समय महागठबंधन में बिताने के बाद सहनी एक बार फिर NDA के साथ चले गए थे। इतना ही नहीं, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद जब राज्य में NDA की सरकार बनी, तब सहनी नीतीश कैबिनेट में मंत्री बने। हालांकि बाद में उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था।
2020 विधानसभा चुनाव में सहनी खुद चुनाव हार गए
2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद मुकेश सहनी फिर से एनडीए के खेमे में आ गए। 2020 विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी VIP को सूबे में चुनाव लड़ने के लिए एनडीए कोटे से 11 सीटें मिली थीं। सहनी खुद तो विधानसभा का चुनाव हार गए, लेकिन उनकी पार्टी VIP चुनाव में 4 सीटें निकालने में कामयाब रही। अपनी सीट गंवाने के बाद भी NDA की सरकार में सहनी को मंत्री पद मिला। साथ ही भाजपा ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य भी बनाया था।
बाद में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान सहनी ने BJP के खिलाफ 50 से अधिक उम्मीदवार मैदान में उतार दिए। इसके अलावा बिहार के मुजफ्फरपुर की बोचहां विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी मुकेश सहनी ने बगावती तेवर दिखाए थे। इस सीट से VIP विधायक मुसाफिर पासवान के निधन के बाद उपचुनाव होना था। भाजपा ने इस सीट से अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया। इसके बाद मुकेश सहनी ने भी VIP से एक प्रत्याशी का पर्चा भरवा दिया। बाद में मार्च 2022 में सहनी को बिहार सरकार में पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री के पद से हटा दिया गया।
सहनी का इन सीटों पर दबदबा
मुकेश सहनी की एक पहचान ‘सन ऑफ मल्लाह’ की है। सहनी मूलतः (मल्लाह/निषाद) की राजनीति करते हैं। अगर वोट की बात करें तो बिहार में मल्लाहों की आबादी करीब 7 फीसदी है। वहीं, सहनी इस समुदाय की संख्या करीब 14 प्रतिशत बताते हैं। उत्तर बिहार के वो क्षेत्र जहां नदियों की संख्या ज्यादा है, वहां सहनी का प्रभाव ठीक-ठाक है। VIP का प्रभाव दरभंगा, मधुबनी, खगड़िया, वैशाली और मुजफ्फरपुर सहित उत्तर बिहार के कई क्षेत्रों में है। इन जगहों पर मुकेश सहनी का वोट बैंक चुनाव में किसी का खेल बना या बिगाड़ सकता है। खासकर तब, जब मुकाबला कफी क्लोज हो।