उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से डीजीपी के नाम पर मंथन हो रहा था। अब उत्तर प्रदेश के नए कार्यवाहक डीजीपी के नाम का ऐलान हो गया है। उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी राजीव कृष्ण होंगे। राजीव कृष्ण वर्तमान में पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष हैं और डीजी इंटेलिजेंस भी हैं। हालांकि उन्हें अभी कार्यवाहक डीजीपी ही बनाया गया है। उत्तर प्रदेश के डीजीपी रहे प्रशांत कुमार रिटायर हो गए।
1991 बैच के IPS अधिकारी हैं राजीव कृष्ण
राजीव कृष्ण 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से नोएडा के ही रहने वाले हैं। उनका पुलिस करियर 3 दशक से अधिक लंबा है। राजीव कृष्ण की गिनती प्रदेश के कर्मठ और साहसी निर्णय लेने वाले अधिकारियों में होती है। राजीव कृष्ण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद ऑफिसर भी माने जाते हैं।
जब उत्तर प्रदेश में पेपर लीक के मामले सामने आए तब सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुलिस भर्ती कराने की जिम्मेदारी राजीव कृष्ण को दी थी। इसके बाद जिम्मेदारी को उन्होंने अच्छे से निभाया और सीएम योगी का विश्वास जीत लिया। राजीव कृष्ण के परिवार में कई अधिकारी हैं। राजीव कृष्ण की पत्नी आईआरएस अधिकारी हैं और लखनऊ में ही तैनात है।
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क्यों बने कार्यवाहक डीजीपी?
वर्तमान में राजीव कृष्ण कार्यवाहक डीजी बने हैं। यूपी पुलिस अफसर की काडर लिस्ट में उनका स्थान 12वां है। ऐसे में लोक सेवा आयोग से उन्हें स्थायी डीजीपी के रूप में मान्यता नहीं मिल पाएगी। उन्हें मार्च तक का इंतजार करना पड़ेगा। तब ही वह डीजीपी बन सकते हैं। मार्च तक कई डीजी रैंक के अफसर रिटायर हो जाएंगे।
राजीव कृष्ण बरेली, कानपुर और अलीगढ़ में ASP के तौर पर भी तैनात रह चुके हैं। 10 मार्च 1997 को राजीव कृष्ण को पहली बार फिरोजाबाद का एसपी बनाया गया था। इसके बाद वह इटावा, मथुरा, फतेहगढ़, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, आगरा, लखनऊ और बरेली के एसएसपी भी रह चुके हैं। राजीव कृष्ण लखनऊ के डीआईजी और मेरठ रेंज के आईजी भी रह चुके हैं। 2018 में उन्हें लखनऊ जून का एडीजी बनाया गया था। उन्होंने आगरा जोन की भी एडीजी की जिम्मेदारी संभाली है।