हरियाणा में IPS वाई पूरण कुमार के कथित सुसाइड मामले में विपक्षी दल हमलावर हैं। मामले को तूल पकड़ता देख हरियाणा सरकार ने राज्य के डीजीपी शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया है और आईपीएस अधिकारी ओपी सिंह को हरियाणा डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। वह वर्तमान में हरियाणा राज्य नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो के महानिदेशक हैं।

कौन हैं IPS ओपी सिंह?

डीजीपी रैंक के 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी ओपी सिंह वर्तमान में हरियाणा राज्य नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो के महानिदेशक; हरियाणा पुलिस आवास निगम, पंचकूला के प्रबंध निदेशक; तथा फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, मधुबन के निदेशक के पद पर तैनात हैं। उन्होंने हरियाणा के कई जिलों में पुलिस अधीक्षक (SP) के रूप में काम किया। इसके अलावा वे अंबाला-पंचकूला और फरीदाबाद में पुलिस आयुक्त भी रहे। इससे पहले, उन्होंने रेवाड़ी और हिसार रेंज में पुलिस महानिरीक्षक (IG) के पद पर सेवा दी।

सुशांत सिंह राजपूत से भी है कनेक्शन

IPS ओपी सिंह का परिवार दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत से भी जुड़ा है। वह सुशांंत सिंह राजपूत के जीजा हैं। सुशांत सिंह राजपूत अपनी मां की मौत के बाद ओपी सिंह के साथ ही रहते थे। इसी दौरान सुशांत सिंह राजपूत ने स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई की। सुशांत की मौत के बाद IPS ओपी सिंह ने उनके लिए न्याय की मांग की, तब वह नेशनल न्यूज भी बने।

बिहार के जमुई जिले के नमून गांव के रहने वाले ओपी सिंह ने हरियाणा में ‘राहगीरी’ (कार-फ्री, सड़क पर जनता की भागीदारी वाले कार्यक्रम) की शुरुआत कर सुर्खियां बटोरीं। यह पहल उन्होंने नशा विरोधी अभियान के तहत शुरू की थी। बाद में सरकार ने इस लोकप्रिय ‘राहगीरी’ कॉन्सेप्ट को अपनाया। ओपी सिंह मुख्यमंत्री खट्टर के विशेष सलाहकार के रूप में भी काम कर चुके हैं।

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2004 से 2007 तक ओपी सिंह वित्त मंत्रालय में तैनात रहे। यहां उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत नियम बनाने में सरकार की मदद की। इसी दौरान उन्होंने भारत के पहले मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच भी की। 2008 से 2012 के बीच उन्होंने ‘PIE मॉडल’ (Participation, Inclusion and Excellence) तैयार किया और ‘प्ले फॉर इंडिया’ अभियान के तहत SPAT खेल छात्रवृत्ति कार्यक्रम शुरू किया। इसमें पूरे राज्य से बड़ी संख्या में युवाओं ने हिस्सा लिया। बाद में साल 2020 में वे खेल विभाग में प्रमुख सचिव (Principal Secretary) के रूप में भी कार्यरत रहे।