Bihar News: आरजेडी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद मंगनी लाल मंडल पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष बनने वाले हैं। वह ईबीसी से आते हैं। मंडल इस साल जनवरी के महीने में जेडीयू से लालू प्रसाद की पार्टी में वापस आ गए थे। आरजेडी विधानसभा चुनाव में ईबीसी को लुभाने की कोशिश में लगी हुई है। पार्टी सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मंडल निवर्तमान राज्य आरजेडी चीफ जगदानंद सिंह की जगह लेंगे।
आरजेडी पिछले चार महीनों से बिहार में ब्लॉक से लेकर जिला स्तर तक अपने संगठन के चुनाव करा रही है। सूत्रों ने बताया कि इसके ब्लॉक और जिला अध्यक्षों का चुनाव हो चुका है। प्रदेश पार्टी अध्यक्ष पद के लिए मंडल एकमात्र उम्मीदवार हैं। इसका चुनाव अगले महीने 19 जुलाई को होगा। उनका निर्विरोध निर्वाचित होना लगभग पक्का है। राज्य आरजेडी चीफ के चुनाव के बाद पार्टी की राज्य समिति का गठन किया जाएगा। इसके बाद जुलाई के आखिर तक लालू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर फिर से निर्वाचित होने की संभावना है।
विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मंडल को राज्य का नया अध्यक्ष बनाने की आरजेडी नेतृत्व की कोशिश इसलिए भी अहम है क्योंकि वे ईबीसी धानुक समुदाय से आते हैं। इसकी बिहार में दो प्रतिशत से ज्यादा वोट हिस्सेदारी है। धानुक समुदाय टॉप पांच सबसे ज्यादा आबादी वाले ईबीसी समूहों में से एक है, यह समुदाय मधुबनी, सुपौल, पटना और नालंदा में केंद्रित है। इसके अलावा राज्य भर के एक दर्जन से ज्यादा जिलों में भी इसकी अच्छी खासी आबादी है।
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कौन हैं मंगनी लाल मंडल?
मंडल ने अपनी राजनीतिक पारी समाजवादी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में शुरू की थी। उन्हें कभी राज्य के प्रमुख समाजवादी चेहरों में गिना जाता था। इसमें लालू और नीतीश भी शामिल थे। हालांकि, समय के साथ लालू और नीतीश का कद बढ़ता गया, लेकिन मंडल ईबीसी-केंद्रित, क्षेत्र-विशेष राजनीति तक ही सीमित रहे। मंडल को पहली बार 1986 में लोकदल के उम्मीदवार के रूप में बिहार विधान परिषद में मनोनीत किया गया था, उस समय कर्पूरी ठाकुर राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। वे 2004 तक लगातार तीन बार एमएलसी रहे। वे एक बार आरजेडी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री भी रह चुके थे। जेडीयू में शामिल होने के बाद 2004 में मंडल को राज्यसभा भेजा गया था। उन्होंने जेडीयू के टिकट पर झंझारपुर निर्वाचन क्षेत्र से 2009 का लोकसभा चुनाव सफलतापूर्वक लड़ा। बाद के सालों में वे पाला बदलते रहे।
2019 के लोकसभा चुनावों से पहले वे फिर से जेडीयू में शामिल हो गए। हालांकि, उन्हें तब लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं मिला, लेकिन उन्हें राष्ट्रीय पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। प्रशांत किशोर के बाद मंडल जेडीयू में यह पद पाने वाले दूसरे व्यक्ति थे।
मंगनी लाल सबसे भरोसेमंद ईबीसी चेहरा
आरजेडी के एक वरिष्ठ नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘मंगनी लाल मंडल सबसे भरोसेमंद ईबीसी चेहरा रहे हैं। नए आरजेडी चीफ के तौर पर उनका चुनाव निश्चित रूप से ईबीसी के बीच आरजेडी के ए टू जेड राजनीति के प्रयासों के बारे में एक मजबूत मैसेज भेजेगा, खासकर ऐसे समय में जब सभी पार्टियां ईबीसी के वोटों के लिए एक-दूसरे से होड़ कर रही हैं। यह राज्य की आबादी का लगभग 36.1 प्रतिशत है।’ किस सीट से चुनाव लड़ेंगे चिराग पासवान?