Radha Soami Satsang: पंजाब के अमृतसर में ब्यास में मौजूद डेरा राधा स्वामी सत्संग के नए उत्तराधिकारी का ऐलान हो गया है। अब जसदीप सिंह गिल नए मुखिया होंगे। डेरा के मौजूदा मुखिया गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने जसदीप सिंह गिल को अपना उत्तराधिकारी नामित किया है। उन्होंने जसदीप सिंह गिल को बतौर गुरू नाम देने का भी अधिकार दिया है। भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी राधा स्वामी सत्संग के अनुयायी हैं। इसका मुख्यालय पंजाब के अमृतसर जिले से ब्यास में है।
बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों इन दिनों स्वास्थ्य की समस्याओं से परेशान हैं। खराब हेल्थ को देखते हुए ही उन्होंने अपने उत्तराधिकारी का ऐलान किया है। ढिल्लों के दूर के रिश्तेदार जसदीप सिंह गिल ने तुरंत आरएसएसबी सोसायटी के मुखिया का पदभार संभाल लिया है। वे सोसायटी के संत सतगुरु के तौर पर ढिल्लों की जगह लेंगे और उन्हें दीक्षा देने का भी अधिकार होगा।
आरएसएसबी सचिव देवेंद्र कुमार सीकरी ने ढिल्लों के उत्तराधिकारी के तौर पर गिल के नाम की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने बताया कि उन्हें हुजूर महाराज का पूरी तरह से समर्थन और प्यार मिला है। उन्होंने इच्छा और आग्रह किया कि वही प्यार जसदीप सिंह गिल को संरक्षक के साथ-साथ संत सतगुरु के तौर पर उनकी सेवा करने का मौका दिया जाए।
कौन हैं जसदीप सिंह गिल
अब जसदीप सिंह गिल की बात करें तो उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से केमिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री भी है। साथ ही कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की है। वह आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र भी हैं। 31 मई को इस्तीफा देने से पहले तक गिल ने फार्मास्युटिकल दिग्गज सिप्ला लिमिटेड के सीएसओ के तौर पर काम किया। वे रैनबैक्सी और वेल्थी थेरेप्यूटिक्स से भी जुड़े रहे।
आरएसएसबी सचिव सीकरी ने फोन पर बताया कि गिल का परिवार लंबे टाइम से संप्रदाय से जुड़ा हुआ है और 1998 से ब्यास डेरा में रह रहा है। सीकरी ने बताया कि गिल के पिता सुखदेव सिंह गिल सेना से रिटायर हुए हैं। यहां पर उन्होंने इंजीनियर के तौर पर काम किया था। गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने साल 1990 में अपने चाचा चरण सिंह के बाद यह पद संभाला था। इससे पहले ढिल्लो स्पेन में रहते थे। इसकी ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, आरएसएसबी की स्थापना भार में 1891 में हुई थी और धीरे-धीरे यह बाकी देशों में भी फैलने लगा। यह दुनिया भर के 90 से ज्यादा देशों में बैठकें करता है।