झारखंड में आज मंत्रिमंडल विस्तार हुआ है। चंपई सोरेन मंत्रिमंडल में आठ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। जेएमएम के मिथिलेश ठाकुर, बसंत सोरेन, बेबी देवी, दीपक बिरुआ और हफीजुल हसन ने मंत्री पद की शपथ ली है। वहीं कांग्रेस के बन्ना गुप्ता, बादल पत्रलेख और रामेश्वरम उरांव ने मंत्री पद की शपथ ली है।
कौन हैं हफीजुल हसन?
हफीजुल हसन झारखंड की राजनीति में काफी चर्चित नाम है। वह बिना विधायक बने भी मंत्री बन चुके हैं। फरवरी 2021 में हफीजुल हसन ने मंत्री पद की शपथ ली थी। उस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन थे। जब हसन ने मंत्री पद की शपथ ली थी तब वह विधायक भी नहीं थे। हफीजुल हसन, हाजी हुसैन अंसारी के बेटे हैं। हाजी हुसैन अंसारी शिबू सोरेन के काफी करीबी माने जाते रहे हैं और 2020 में उनका निधन हो गया था। इसके बाद उनकी जगह उनके बेटे को मंत्री बनाया गया है।
हफीजुल हसन को मिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग
हफीजुल हसन को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, निबंधन विभाग, पर्यटन, कला संस्कृति खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग मिला है। इसके पहले उनके पास अल्पसंख्यक कल्याण तथा पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग दिया गया था।
अपने विवादित बयानों के कारण भी हफीजुल हसन चर्चा में रहते हैं। हफीजुल हसन ने 28 अप्रैल 2022 को कहा था, “अगर 20% आबादी को परेशान किया गया, तो 80% आबादी खत्म हो जाएगी। केंद्र सरकार हमारे खिलाफ जो कुछ भी कर रही है, उससे उन्हें भी उतना ही नुकसान होगा। यदि हम जनसंख्या का 20% हैं, तो आप 80% हैं। यदि आप हमारे व्यवसाय और घर बंद कर देते हैं, तो आपको भी 80% का नुकसान होगा।”
अब झारखंड में दो मुस्लिम मंत्री
चंपई सोरेन मंत्रिमंडल में अब दो मुस्लिम चेहरे हैं। इसके पहले आलमगीर आलम ने 2 फरवरी को शपथ लिया था। आलम कांग्रेस से पाकुड़ सीट से विधायक और कांग्रेस के विधायक दल के नेता हैं। वह पहले बिहार सरकार में भी उद्योग विकास मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।